संजीव
भागलपुर : पिछले छह माह से नवस्थापित जिला स्कूल में डेरा डाले पुलिस के लगभग 350 जवानों को आखिरकार शनिवार सुबह स्कूल खाली कर जाना ही पड़ा. जवानों के जाने के बाद स्कूल के शिक्षकों व बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पुलिस जवानों के स्कूल में रहने के कारण बच्चे किस कदर परेशान रहे होंगे, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जवानों के जाने के बाद बच्चे सभी कमरों में जा रहे थे और जम कर उछल-कूद कर रहे थे.
बांटी मिठाइयां : ज्ञात हो कि नौ जुलाई से प्रभात खबर में नवस्थापित जिला स्कूल में पुलिस कब्जे के कारण हो रही परेशानियों से संबंधित समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया जा रहा था. लगातार तीन दिन तक समाचार प्रकाशित होने के बाद 11 जुलाई को वरीय पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और स्कूल की स्थलीय जांच करवायी. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसएसपी ने जवानों को स्कूल खाली करने का निर्देश जारी किया. शुक्रवार रात से पुलिस जवानों ने सामानों की पैकिंग शुरू कर दी और शनिवार सुबह बोरिया-बिस्तर के साथ चले गये. पुलिस जवानों के जाने के बाद बच्चों व शिक्षकों ने आपस में मिठाई बांटी. जम कर खुशी का इजहार किया.
11वीं में अब शुरू होगा नामांकन : स्कूल में पुलिस जवानों के रहने के कारण दो क्लास रूम को छोड़ कोई कमरा खाली नहीं रह गया था. इसके कारण 11वीं कक्षा में स्कूल प्रशासन ने नामांकन ही नहीं लिया. प्रयोगशाला में प्रयोग का काम ठप पड़ गया था, क्योंकि जगह की कमी के चलते शिक्षकों को प्रयोगशाला में ही बैठने की मजबूरी थी.
प्रयोगशाला के उपकरण काटरून में पैक कर दिये गये थे. नि:शक्त स्कूली बच्चों को बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से कृत्रिम अंग व अवयव देना था. इसके निर्माण के लिए स्कूल के एक कमरे में केंद्र खोलना था, जो कमरे खाली नहीं रहने के कारण खुल नहीं पाया. जवानों द्वारा स्कूल खाली कर दिये जाने के बाद इस बात की उम्मीद बढ़ गयी है कि अब जल्द ही कृत्रिम अंग व अवयव निर्माण केंद्र खुल जायेगा. प्रयोगशाला में प्रयोग शुरू हो जायेगा. 11वीं कक्षा में नामांकन आरंभ हो जायेगा.