रोजेदारों ने मांगी अमन-शांति की दुआ
भागलपुर : माहे रमजान के दूसरे शुक्रवार को शहर की सभी मस्जिदों व खानकाहों में रोजेदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने जुमा की नमाज अदा कर अमन और शांति की दुआएं मांगी. शहर के मौलानाचक स्थित शाहजहानी मस्जिद, तातारपुर जामा मस्जिद, खलीफाबाग शाही मस्जिद, कबीरपुर, मोजाहिदपुर, जब्बारचक, बरहपुरा, भीखनपुर, हबीबपुर, शाहजंगी, चमेलीचक आदि के […]
भागलपुर : माहे रमजान के दूसरे शुक्रवार को शहर की सभी मस्जिदों व खानकाहों में रोजेदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने जुमा की नमाज अदा कर अमन और शांति की दुआएं मांगी. शहर के मौलानाचक स्थित शाहजहानी मस्जिद, तातारपुर जामा मस्जिद, खलीफाबाग शाही मस्जिद, कबीरपुर, मोजाहिदपुर, जब्बारचक, बरहपुरा, भीखनपुर, हबीबपुर, शाहजंगी, चमेलीचक आदि के जामा मस्जिदों में भी लोगों ने अकीदत के साथ जुमे की नमाज अदा की.
जामा मस्जिद बरहपुरा के इमाम हाफिज कुदरतुल्लाह ने कहा कि रमजान में जुमा की अहमियत काफी बढ़ जाती है. एक के बदले 70 गुना सबाब अल्लाह फरमाते हैं. बरकत और रहमतों का महीना रमजान चल रहा है. इस दौरान मस्जिदों में नामाजियों की अधिक भीड़ उमड़ने लगी है.
रोजेदार भूखे-प्यासे अल्लाह की इबादत में मशगूल हैं. बड़े तो बड़े बच्चे भी उत्साह के साथ रोजा रखकर नमाज पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम की पांच बुनियादी चीजाें में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है. खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है. रोजा रखनेवालों की हर दुआ अल्लाह कबूल करते हैं और रहमत व बरकत बरसाते हैं.
इस माह में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने के लिए रोजा रखते हैं. बदले में अल्लाह अपने बंदे को रहमतों और बरकतों से नवाजता है. इसलिए हर मुसलमान पर रोजा रखना फर्ज है. रमजान माह हर इंसान को अल्लाह की राह पर ले जाने की प्रेरणा देता है. रोजा रखनेवाला तमाम गलत कार्यों से दूर हो जाता है और अल्लाह के करीब पहुंचने का प्रयास करता है.