भागलपुर: फायरिंग में जख्मी पार्षद चमरू खान के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. चमरू के साथ पार्षद पति साबिर खान भी थे, जो फायरिंग में बाल-बाल बच गये, उनके बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. जबकि चमरू पूरी तरह से बयान देनी की स्थिति में हैं.
कहा जा रहा है कि जख्मी पार्षद घटना से काफी डर गये हैं. इस कारण उन्होंने पुलिस को अपना बयान नहीं दिया. अंतत: पुलिस को साबिर का बयान लेना पड़ा, जबकि गोली पार्षद को लगी है.
हालांकि एफआइआर में पार्षद पति का दावा है कि अपराधी उन्हें ही मारने आये थे, लेकिन धोखे में गोली चमरू को लग गयी. जबकि यह भी कहा जा रहा है कि मामला गैंगवार से जुड़ा हुआ है. जमीन विवाद का एफआइआर दर्ज कर पुलिस और पार्षद पति ने मामले को भटका दिया है. अब पुलिस की लाचारी है कि एफआइआर में दर्ज तथ्यों के आधार पर जांच कर कार्रवाई करे.