भूमि के लिए सत्याग्रह करेंगे भूदान किसान
भागलपुर: बिहार भूदान कमेटी के अध्यक्ष कुमार शुभमूर्ति ने कहा कि भूदान किसानों को मिली जमीन पर दखल दिलाने के लिए सत्याग्रह आंदोलन चलाया जायेगा. इसकी रणनीति तैयार की जा रही है और भूदान किसानों से फीडबैक लिया जा रहा है. इसी क्रम में भागलपुर में भी किसानों के साथ गोष्ठी आयोजित की गयी है. […]
भागलपुर: बिहार भूदान कमेटी के अध्यक्ष कुमार शुभमूर्ति ने कहा कि भूदान किसानों को मिली जमीन पर दखल दिलाने के लिए सत्याग्रह आंदोलन चलाया जायेगा. इसकी रणनीति तैयार की जा रही है और भूदान किसानों से फीडबैक लिया जा रहा है. इसी क्रम में भागलपुर में भी किसानों के साथ गोष्ठी आयोजित की गयी है.
वह भूदान किसानों के साथ संगोष्ठी के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. भूदान कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में दो लाख 60 हजार एकड़ वितरण योग्य भूमि को सरकार ने भी संपुष्ट कर दिया है और करीब साढ़े तीन लाख भूमिहीन किसानों के बीच इसका वितरण कर दिया गया है. श्री शुभमूर्ति ने कहा कि नियमानुसार यदि किसी किसान को भूदान का परचा मिला है तो वह उस पर तुरंत कब्जा ले सकते हैं.
कब्जा के लिए म्यूटेशन की आवश्यकता नहीं है. बावजूद इसके फिलहाल करीब 50 प्रतिशत परिवारों को इस भूमि पर अभी तक दखल-कब्जा नहीं मिल पाया है. न तो उसका म्यूटेशन हो पा रहा है और न ही लगान रसीद ही काटी जा रही है. उन्होंने इसके लिए सरकार व जिला प्रशासन से सहयोग की गुजारिश की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए संगठन तैयार किया जा रहा है. संगोष्ठी में उनके अलावा कमेटी के सदस्य, समाज सेविका डॉ कल्पना शास्त्री भी मौजूद थी. संगोष्ठी के संयोजक जिला भूदान मंत्री मुस्तफा रजा आलम थे.
दाता परिवार का भी है कब्जा
भूदान आंदोलन के दौरान भूमि देने वाले कुछ दाताओं के परिवार भी दान में दी गयी भूमि पर कब्जा किये हुए हैं. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए बिहार भूदान कमेटी के अध्यक्ष शुभमूर्ति ने कहा कि प्रदेश में करीब 20 प्रतिशत दाता परिवार ऐसे हैं जो दान में दी गयी भूमि वापस चाहते हैं, जो कि कानून के तहत संभव नहीं.
ऐसे परिवारों को भी समझाना होगा और इस दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि भूदान के तहत लगभग 20 प्रतिशत अपात्र लोगों को भी जमीन बांट दिया गया है. इसमें भी सुधार कर उस जमीन को भूमिहीनों के बीच बांटा जायेगा. इसके लिए डीएम, एसपी को लिखा जा रहा है.
नदी-नाले की जमीन का हो सर्वेक्षण
भूदान कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि भूमि सुधार आयोग के डी बंदोपाध्याय ने एक रिपोर्ट में बताया था कि भूदान के दौरान नदी-नाले आदि की भूमि भी बंदोबस्त की गयी थी. आज की तारीख में नदी-नाले सूखने के कारा वहां से भूमि निकली है. इसका भी सर्वेक्षण करवा कर उस पर वास्तविक भूदान किसानों को दखल कराया जाये. श्री शुभमूर्ति ने बताया कि सरकार से इस ओर भी ध्यान देकर ऐसी भूमि का सर्वेक्षण कराया जायेगा.