भागलपुर: जांच के नाम पर भयादोहन का आरोप लगाते हुए सामूहिक रूप से इस्तीफा देने वाले मनरेगा कर्मियों ने बुधवार को अपना इस्तीफा वापस ले लिया. सभी मनरेगा कर्मियों ने इस संबंध में जिला पदाधिकारी को लिखित में सूचना दी है. विदित हो कि 28 मई को जिला के सभी मनरेगा कर्मियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था.
प्रधान सचिव के नाम भेजे अपनी इस्तीफा में मनरेगा कर्मियों ने आरोप लगाया था कि जिला के वरीय पदाधिकारियों व लोकपाल के मनमाने एवं अव्यावहारिक निर्णय से व्यथित होकर वह सामूहिक त्यागपत्र दे रहे हैं. जांच के क्रम में जबरन खामियां निकाली जाती है, ताकि कर्मचारियों का भयादोहन करने की उनकी मंशा पूरी हो सके.
इस्तीफा देने वालों में कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ), लेखापाल, कनीय अभियंता (जेइ), पंचायत रोजगार सेवक (पीआरएस), पंचायत तकनीकी सहायक (पीटीए) व कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं. बाद में डीएम प्रेम सिंह मीणा के निर्देश पर डीडीसी ने रविवार को सभी मनरेगा कर्मियों के साथ बैठक की थी. मनरेगा कर्मियों का कहना है कि बैठक के दौरान हुई बातचीत व प्रशासन द्वारा दिये गये सकारात्मक आश्वासन के आलोक में सभी ने अपना इस्तीफा वापस लेते हुए पुन: योगदान देने का निर्णय लिया है.