पीड़ितों ने ली न्यायालय की शरण

भागलपुर: हाइड्रोसिल ऑपरेशन के नाम पर धोखा से नसबंदी कर दिये जाने के पीड़ित घोघा स्थित पक्की सराय के तांती परिवार के आठों सदस्यों ने न्यायालय की शरण ली है. उन्होंने अधिवक्ता राजेश तिवारी के माध्यम से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में नालिसी वाद दायर किया है. सोमवार को न्यायालय में वाद स्वीकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2014 9:22 AM

भागलपुर: हाइड्रोसिल ऑपरेशन के नाम पर धोखा से नसबंदी कर दिये जाने के पीड़ित घोघा स्थित पक्की सराय के तांती परिवार के आठों सदस्यों ने न्यायालय की शरण ली है. उन्होंने अधिवक्ता राजेश तिवारी के माध्यम से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में नालिसी वाद दायर किया है.

सोमवार को न्यायालय में वाद स्वीकार करते हुए शिकायत संख्या 1525/2014 दर्ज किया गया है. अब इस मामले की सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख दी गयी है. इस तारीख को न्यायालय में परिवादी सीजेएम के समक्ष अपना बयान दर्ज करायेंगे.

विदित हो कि 11 जुलाई को पक्की सराय के तांती परिवार के आठ सदस्यों ने गांव के ही एक चिकित्सक पर हाइड्रोसिल का ऑपरेशन के बहाने सदर अस्पताल ला कर नसबंदी कराने का आरोप लगाया है. इनमें कई सदस्य ऐसे भी हैं जिनकी पत्नी का बंध्याकरण हो चुका था. यही नहीं इसमें तो एक पिता-पुत्र भी शामिल हैं. आरोप है कि नसबंदी के लिए प्रेरित करने के एवज में मिलने वाली राशि के बदले ऐसा किया गया है. इसको लेकर शनिवार को पीड़ित घोघा थाने में मामला दर्ज कराने भी पहुंचे थे, लेकिन उन्हें वहां से तिलकामांझी थाना में शिकायत देने की बात कह कर लौटा दिया गया था. इसके बाद पीड़ितों ने अधिवक्ता श्री तिवारी से मुलाकात की और न्यायालय में नालिसी वाद दायर किया है.

पीड़ितों को डराने का प्रयास
पक्की सराय गांव में पीड़ित तांती परिवार के सदस्यों को हर तरह से डराने का प्रयास किया जा रहा है. न्यायालय में आये पीड़ितों ने बताया कि रविवार को भी गांव में दो-तीन लोग आये थे. न्यायालय में केस करने की तैयारी की सूचना पर उन लोगों ने एक तरह से धमकी भरे लहजे में कहा कि पहले अपना इलाज करा लो. दवा और अच्छी तरह से भोजन कर मजबूत हो जाओ, तब किसी तरह की लड़ाई की बात सोचना. इस तरह की बातों से पीड़ित पक्ष थोड़े भयभीत भी दिखे. पीड़ित विनोद तांती ने बताया कि उन्हें अभी भी थोड़ा दर्द हो रहा है. उन्हें डर है कि इस नालिसी वाद के बाद कहीं उन लोगों को पुलिस तो नहीं पकड़ लेगी या पूछताछ के नाम पर परेशान तो नहीं करेगी.

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