विवि शिक्षकों की वेतनांतर राशि स्वीकृत

भागलपुर: राज्य के सभी विश्वविद्यालयों, स्नातक स्तरीय महाविद्यालयों व घाटानुदानित अल्पसंख्यक महाविद्यालयों के शिक्षकों, कुलपतियों व प्रतिकुलपतियों के वेतनांतर की राशि सरकार ने विमुक्त कर दी है. उनके यूजीसी वेतनमान में वेतन पुनरीक्षण (रिवाइज्ड) के फलस्वरूप एक जनवरी 2006 से 31 मार्च 2010 तक अतिरिक्त व्यय भार के रूप में राशि विमुक्त की गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2014 9:23 AM

भागलपुर: राज्य के सभी विश्वविद्यालयों, स्नातक स्तरीय महाविद्यालयों व घाटानुदानित अल्पसंख्यक महाविद्यालयों के शिक्षकों, कुलपतियों व प्रतिकुलपतियों के वेतनांतर की राशि सरकार ने विमुक्त कर दी है. उनके यूजीसी वेतनमान में वेतन पुनरीक्षण (रिवाइज्ड) के फलस्वरूप एक जनवरी 2006 से 31 मार्च 2010 तक अतिरिक्त व्यय भार के रूप में राशि विमुक्त की गयी है.

राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक एसएम करीम ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र प्रेषित कर राशि विमुक्त करने की जानकारी से अवगत करा दिया है. राशि के भुगतान के लिए रखी गयी शर्तो के मुताबिक विश्वविद्यालयों के वैसे शिक्षकों को यूजीसी वेतनांतर की राशि का भुगतान किया जायेगा, जो एक जनवरी 2006 को विश्वविद्यालय सेवा में कार्यरत थे या इस तिथि के बाद सेवानिवृत्त हुए. चतुर्थ चरण के नवअंगीभूत महाविद्यालयों के कर्मियों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 6098/97 में 12 अक्तूबर 2004 को आदेश पारित किया गया था.

इसके अनुपालन में केवल वैसे शिक्षकों को वेतनांतर का भुगतान किया जायेगा, जिनका नाम न्यायमूर्ति एससी अग्रवाल कमीशन के प्रतिवेदन में एस व आर वन के रूप में प्रतिवेदित है. आर टू या एनआर के रूप में प्रतिवेदित कर्मी का स्वीकृत अनुदान राशि से भुगतान नहीं किया जायेगा. केवल ऐसे प्रयोग प्रदर्शक को शिक्षक कोटि में माना जाना है, जो एक जनवरी 1973 के पूर्व स्वीकृत पदों पर 18 सितंबर 1975 तक बिहार लोक सेवा आयोग या बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग की अनुशंसा या सहमति से नियुक्त हुए थे. इसके अलावा भुगतान के लिए कई अन्य शर्ते भी लगायी गयी है.

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