सुलतानगंज (भागलपुर) : सावन के पहले दिन बुधवार को गंगा से जल उठाकर लगभग एक लाख 50 हजार कांवरिया बाबाधाम रवाना हुए. बिहार के अलावा असम, बंगाल, दिल्ली, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड से आये कांवरियों ने गंगाजल उठाया. कच्चे घाटों पर फिसलन और बांस बैरिकेडिंग अस्त-व्यस्त हो जाने कांवरियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था की जा रही है. बोल बम के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है. जानकारी के अनुसार, 33582 पुरुष व 22388 महिलाओं के साथ 235 डाक बम देवघर बाबाधाम जल अर्पण के लिए रवाना हुए.
अजगैवीनगरी का चप्पा-चप्पा कांवरियों से पट गया है. हर कदम गंगाधाम से बाबाधाम की ओर बढ़ रहा है. यहां दिन और रात का अंतर मिट चुका है. चारों तरफ बोलबम का नारा गूंज रहा है. इधर, महिला कांवरियों के लिए यूरिनल व शौचालय की व्यवस्था नहीं है. इस कारण महिला कांवरियाें को खुले में भी शौच जाना पड़ता है. कई महिला कांवरियों ने बताया कि धर्मशाला में भी महिला शौचालय नहीं है. कांवरियों की भीड़ के सामने व्यवस्था अपर्याप्त है. दूसरी ओर अधिकारियों का दावा है कि शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था है.
बाबाधाम में 50,000 भक्तों ने किया जलार्पण
देवघर : सावन के पहले दिन चंद्रग्रहण की वजह से बाबा मंदिर का पट निर्धारित समय से दो घंटे देर से खुला. मंदिर का पट सुबह पांच बजे खुलने के साथ ही पुरोहित समाज की ओर से कांचा जल पूजा की गयी. इसके बाद अरघा लगाने के बाद बाबा मंदिर महंत सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा ने सावन की पहली सरदारी पूजा संपन्न हुई. करीब पौने छह बजे से आम भक्तों ने जलार्पण शुरू किया. बुधवार शाम पांच बजे तक 50,000 भक्तों ने जलार्पण किया. 500 रुपये की दर से 1100 शीघ्र दर्शनम कूपन की बिक्री हुई. बाबा मंदिर के प्रशासनिक भवन में एनडीआरएफ की टीम की तैनाती कर दी गयी है.
श्रावणी मेले का झारखंड के सीएम ने किया उद्घाटन
देवघर : बोलबम के जयघोष तथा स्वच्छता व विनम्रता के मूलमंत्र के साथ श्रावणी मेले की शुरुआत झारखंड-बिहार का प्रवेश-द्वार दुम्मा में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की. इसके बाद प्रवेश द्वार को कांवरियों के लिए खोल दिया गया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि देवघर अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार कमा कर रही है.