राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का क्षेत्रीय कार्यालय खुलेगा

ऋषि, भागलपुर : प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का क्षेत्रीय कार्यालय भागलपुर में खुलनेवाला है. अभी यह पटना और बेगूसराय में चल रहा है, जहां से पर्षद की गतिविधि हो रही है. वन व पर्यावरण नियंत्रण पर्षद ने नये क्षेत्रीय कार्यालय को खोले जाने प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है. जिला प्रशासन काफी दिनों से अहम विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2019 9:02 AM

ऋषि, भागलपुर : प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का क्षेत्रीय कार्यालय भागलपुर में खुलनेवाला है. अभी यह पटना और बेगूसराय में चल रहा है, जहां से पर्षद की गतिविधि हो रही है. वन व पर्यावरण नियंत्रण पर्षद ने नये क्षेत्रीय कार्यालय को खोले जाने प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है.

जिला प्रशासन काफी दिनों से अहम विभाग को खोलने को प्रयासरत था. प्रशासनिक स्तर पर क्षेत्रीय कार्यालय के खुद के नये भवन के होने तक तत्कालिक व्यवस्था में तीन कमरों की तलाश शुरू हो गयी है.
इस बारे में डीएम प्रणव कुमार से वन विभाग और नगर निगम को पत्र भेजा जा रहा है. क्षेत्रीय कार्यालय के खुलने से यहां पर प्रदूषण नियंत्रण पर्षद पदाधिकारी व कर्मी की प्रतिनियुक्ति करेगा. कार्यालय के खुुलने के बाद प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कई प्रकार की मॉनीटरिंग होने लगेगी.
पूर्व डीएम आदेश तितरमारे ने भेजा था प्रस्ताव : पूर्व डीएम आदेश तितरमारे ने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय कार्यालय को खोलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था.
इसमें गंगा किनारे शहर की बसावट, आर्सेनिक व फ्लोराइड क्षेत्र होने, एनटीपीसी का संयंत्र होने आदि का हवाला देकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय खोलने के महत्व का उल्लेख किया था. वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गया और भागलपुर में क्षेत्रीय कार्यालय के खोले जाने की घोषणा की थी.
बड़े जिलों में अफसरों की तैनाती का प्रस्ताव : प्रस्ताव के मुताबिक बड़े जिलों में पर्यावरण अभियंता और छोटे जिलों में सहायक पर्यावरण अभियंता स्तर के अफसरों की तैनाती की जायेगी. जोनल दफ्तरों में मुख्य पर्यावरण अभियंता स्तर के अधिकारी तैनात किए जाएंगे.
वन व पर्यावरण विभाग ने जिला प्रशासन को कार्यालय खोले जाने का भेजा प्रस्ताव
नया भवन बनने तक निगम व वन विभाग को कमरे की व्यवस्था करने का लिखा पत्र
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय कार्यालय के खुलने से इन मामलों की होगी मॉनीटरिंग
नमामि गंगे प्रोजेक्ट
इ स प्रोजेक्ट के तहत गंगा नदी को स्वच्छ रखने व नालों का पानी बगैर शोधन के नहीं छोड़ने पर काम चल रहा है. पर्षद का क्षेत्रीय कार्यालय के होने से स्थानीय स्तर पर गंदे पानी का नदी में बहाव होने पर उचित कार्रवाई संभव हो सकेगी.
बायोमेडिकल वेस्ट
बा योमेडिकल वेस्ट का सही तरह से निस्तारण पर भी प्रदूषण पर्षद स्थानीय स्तर पर खुद ही छापेमारी करेगा और सील की कार्रवाई करेगा. अभी तक निर्देश का पालन सिविल सर्जन स्तर से करवाया जा रहा है. जो उतना कारगर नहीं हो पाता है.
आयरन व फ्लोराइड बहुल क्षेत्र में योजना
प्र देश सरकार द्वारा आयरन व फ्लोराइड बहुल क्षेत्र में कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही हैं. पानी में फ्लोराइड की गंभीर समस्या से तीन हजार चार सौ 67 बसावट के प्रभावित होने का आंकड़ा है. इन बसावट वाली जगहों पर प्रदूषण पर्षद की टीम का बार-बार दौरा व आंकड़े के आधार पर प्रशासन से उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया जायेगा.
सामान्य रूप से प्रदूषण का स्तर आकलन
स्मार्ट सिटी में शुमार भागलपुर में अभी तक प्रदूषण का स्तर का आकलन नहीं हो पाता है. दीपावली जैसे पर्व पर भी कोई ऐसा मापन यंत्र नहीं है, जो प्रदूषण का स्तर बता सकें. पर्षद के रहने से आकलन शुरू हो जायेगा.

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