यहां स्वस्थ होने के लिए दुआ की भी जरूरत

स्वास्थ्य सेवा का हाल . कहीं सफाई की व्यवस्था नहीं, तो कहीं डॉक्टरों की कमी सदर अस्पताल : सुविधा का विस्तार, लेकिन डॉक्टर की कमी भागलपुर :सरकार सदर अस्पताल में सुविधा का विस्तार कर रही है. सोच है कि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, लेकिन जो चीज सबसे जरूरी है वह है डॉक्टर. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2019 6:23 AM

स्वास्थ्य सेवा का हाल . कहीं सफाई की व्यवस्था नहीं, तो कहीं डॉक्टरों की कमी

सदर अस्पताल : सुविधा का विस्तार, लेकिन डॉक्टर की कमी
भागलपुर :सरकार सदर अस्पताल में सुविधा का विस्तार कर रही है. सोच है कि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, लेकिन जो चीज सबसे जरूरी है वह है डॉक्टर. इस कमी को दूर करने का पहल होता नहीं दिख रहा है. कई विभाग खोल दिये गये, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से मरीज सीधे रेफर हो रहे हैं.
सदर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था 10 डॉक्टर संभाल रहे हैं, इसमें भी एक डॉक्टर को कोर्ट की ड्यूटी पर रोज जाना होता है. अल्ट्रासाउंड सेवा आरंभ होने के बाद एक डॉक्टर को यहां जांच के लिए रहना होगा. कई डॉक्टर अधिकारियों का दायित्व निभा रहे है, जिससे इनके पास समय नहीं रहता है कि वह मरीजों के लिए समय निकाल सके. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह लगातार सरकार को पत्र लिख चिकित्सक की मांग कर रहे हैं.
एक डॉक्टर के भरोसे एसएनसीयू और चाइल्ड ओपीडी : सदर अस्पताल के शिशु रोग विभाग में मात्र एक चिकित्सक है. इनके कंधे पर ओपीडी आने वाले मरीजों का इलाज करने के अलावा एसएनसीयू में भर्ती गंभीर नवजात का इलाज करने का भार है. ऐसे में अगर ओपीडी में वह अपनी ड्यूटी करते हैं, तो एसएनसीयू में भर्ती गंभीर मरीज नर्स के भरोसे रहते हैं. डॉक्टर अगर लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं, तो बच्चों व नवजात का इलाज मुश्किल हो जाता है. पिछले दिनों एसएनसीयू में इलाज को लेकर हंगामा हो चुका है.
टीबी के मरीजों के लिए नहीं है अलग से डॉक्टर : सदर अस्पताल का टीबी विभाग लंबे समय से बंद है. यहां तैनात डॉ रिजवी का तबादला हो गया है. जब से वह यहां से गये हैं टीबी विभाग में कोई चिकित्सक स्थायी रूप से नहीं बैठे हैं. कारण डॉक्टर की कमी बताया गया. ऐसे में मरीज अगर आते हैं, तो उसे कोई डॉक्टर देख कर दवा लिख देते हैं या उसे सीधे मायागंज अस्पताल भेज दिया जाता है. अब इस विभाग में बीपी समेत अन्य जांच की जा रही है. इससे मरीज परेशान हो रहे हैं.
सभी निर्देश ताक पर, मायागंज की है अपनी अलग व्यवस्था
भागलपुर :मुख्यालय के निर्देश के बाद भी जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल की सफाई व्यवस्था सुधर नहीं रही है. वार्ड के साथ साथ इसकी खिड़की पर प्रयोग हुआ स्लाइन, सूई, पानी की बोतल पड़ी है. वार्ड के पीछे मेडिकल कचरा जहां-तहां पड़ा हुआ है. हालांकि सफाई व्यवस्था के लिए अस्पताल प्रबंधन ने सफाई एजेंसी को हायर कर रखा है. इसका भी काम संतोषजनक नहीं है. जिससे इसको अल्टीमेटम तक दिया जा चुका है.
वार्ड की खिड़की पर कचरे का कब्जा
अस्पताल के मेडिसिन, सर्जरी और हड्डी रोग विभाग की खिड़की के बाहर मेडिकल वेस्ट का कब्जा है. स्लाइन, बोतल, दवा समेत अन्य अवशिष्ट चीजों से खिड़की भरा है. इससे निकलने वाले बदबू से मरीज परेशान है. मरीजों की माने तो पूर्व में जो मरीज बेड पर थे वे लगातार खिड़की से सामान को फेंका करते थे. जिससे खिड़की के पास कचरा जमा हो गया है.
इसे साफ करने के लिए एजेंसी को कई बार कहा गया, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. वहीं विभाग के चिकित्सक कहते हैं साफ सफाई पर खास ध्यान देने के लिए कई बार कहा गया है. लेकिन इस पर एजेंसी संचालक का कोई ध्यान नहीं जाता है. इसको लेकर अधीक्षक से भी शिकायत किया गया है.

Next Article

Exit mobile version