भागलपुर : बिहार के भागलपुर में सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को कहलगांव के रामपुर स्थित महर्षि मेंही आश्रम में रहनेवाली दो साध्वी बहनों से गैंग रेप मामले में मुख्य आरोपित स्वामी अज्ञानंद उर्फ मंटू बाबा व रत्ना पासवान को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया. उक्त दोनों आरोपित जमानत पर बाहर थे.
क्या है मामला
27 अगस्त 2012 को शिवनारायणपुर ओपी में साध्वी बहन ने महर्षि मेंही के स्वामी अज्ञानंद, रत्ना पासवान समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था. उसने पुलिस को बताया गया था कि वह और उसकी बहन दो साल से रामपुर स्थित आश्रम में सत्संग करती थी. लेकिन, कुछ दिन बाद स्थानीय निवासी घनश्याम मंडल अज्ञानंद बाबा के साथ मिल कर हमें भगाने का प्रयास करने लगे और धमकी देने लगे.
26 अगस्त 2012 की रात नौ बजे साध्वी बहन खाना खाकर कमरे में सो रहे थे. उसी समय आरोपित घनश्याम मंडल, विवेकानंद सिन्हा, स्वामी अज्ञानंद, पंकज कुमार, प्रेम कुमार, रत्ना पासवान अज्ञात लोगों के साथ आए और गाली गलौच करने लगे. इसके बाद वे मारपीट करने लगे. इस दौरान घनश्याम ने मेरे पर्स से दो हजार रुपए और विवेकानंद ने मोबाइल छीन लिया. आरोपित पंकज, प्रेम और रत्ना पासवान जबरन उन्हें बाहर निकाल कर खेत लेकर चले गए. वहां पंकज, प्रेम व रत्ना पासवान ने दुष्कर्म किया. इस दौरान मेरी बहन बचाने आई तो उसके साथ मारपीट करते हुए आरोपित अज्ञानंद बाबा ने दुष्कर्म किया. आरोपित ने दुष्कर्म करके वहीं छोड़ दिया. पीड़िता किसी तरह से भाग कर कहलगांव में विक्रमशिला के पास एक होटल में आये. यहां से एक व्यक्ति शिवनारायणपुर पुलिस के पास लेकर आया, जहां पूरे मामले की लिखित जानकारी दी.
यहां से पकड़े गये थे मुख्य आरोपित
तत्कालीन एसएसपी केएस अनुपम के कार्यकाल में शिवनारायणपुर पुलिस ने साध्वी बहनों से गैंग रेप के मुख्य आरोपी स्वामी आज्ञानंद उर्फ मंटू बाबा को नेपाल के सिकटी सीमा स्थित एक कुटिया से गिरफ्तार किया था. वर्ष 2012 में हुई गिरफ्तार से पहले मंटू बाबा नेपाल के पास जाकर रहते थे. इस घटना के दूसरे दिन मामले में एक आरोपित रत्ना पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि मंटू बाबा समेत पांच अन्य आरोपी फरार चल रहे थे. शिवनारायणपुर पुलिस मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर नेपाल सीमा सादे लिवास में पहुंची थी.