सीतामढ़ी का कुख्यात विकास झा जवान के आंख में मिर्ची पाउडर डाल कर JLNMCH के कैदी वार्ड से फरार
भागलपुर : सीतामढ़ी जिले का कुख्यात अपराधी विकास झा उर्फ कालिया जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, मायागंज के प्रथम तल स्थित कैदी वार्ड से सोमवार सुबह 5.30 बजे होमगार्ड जवान के आंख में मिर्ची पाउडर झोंक कर फरार हो गया है. विकास झा को भगाने के लिए उसके साथियों ने पूर्व से ही तैयारी […]
भागलपुर : सीतामढ़ी जिले का कुख्यात अपराधी विकास झा उर्फ कालिया जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, मायागंज के प्रथम तल स्थित कैदी वार्ड से सोमवार सुबह 5.30 बजे होमगार्ड जवान के आंख में मिर्ची पाउडर झोंक कर फरार हो गया है. विकास झा को भगाने के लिए उसके साथियों ने पूर्व से ही तैयारी थी. पहले से ही उसके साथी कैदी वार्ड और अस्पताल के मुख्य गेट पर मौजूद थे. पुलिस ने विकास को छुड़ाने आये उसके फुफेरे भाई आयुष कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. विकास झा, कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा और मुकेश पाठक गिरोह का शार्प शूटर है. वह नार्थ लिबरेशन आर्मी का सक्रिय सदस्य है. वह बथनाहा थाना के बथनाहा पूर्वी टोला का रहनेवाला है. बरारी पुलिस ने होमगार्ड जवान के बयान पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
छुड़ाने के लिए आया एक बदमाश भागने में सफल
घटना की बाबत प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विकास झा सोमवार सुबह 5.30 बजे शौच के बहाने होमगार्ड जवान के साथ बाहर निकला. गार्ड उसे हाजत से निकाल कैदी वार्ड के कमरे में हथकड़ी लगा ही रहा था कि विकास ने गार्ड को जोर का धक्का दे दिया और कैदी वार्ड का गेट खोल भागने लगा. यह देख गार्ड ने उसका पीछा किया, लेकिन विकास का एक साथी पहले से ही कैदी वार्ड के गेट पर खड़ा था. गार्ड के गेट से निकलते ही गेट के बाहर खड़े साथी ने गार्ड को पकड़ उसके आंख और शरीर पर लाल मिर्च का पाउडर डाल दिया. इसके बाद गार्ड ने शोर मचाना शुरू कर दिया. इसके बाद गार्ड भी उसके पीछे दौड़े. गार्डों ने देखा कि गेट के बाहर खड़ी दो बाइक पर पहले से मौजूद अपने साथियों के साथ विकास भाग निकला.
बाइक पर बैठने के दौरान विकास का फुफेरा भाई आयुष वहीं गिर गया. इसके बाद उसके साथी उसे छोड़ कर भाग निकले. पुलिस ने आयुष को पकड़ कर बरारी पुलिस के हवाले कर दिया. मालूम हो कि विकास झा हत्या के मामले में सजायाफ्ता है. आठ अगस्त को उसे इलाज के लिए मायागंज अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था. सीतामढ़ी से उसे प्रशासनिक दृष्टिकोण से कैंप जेल लाया गया था. सीतामढ़ी के अलावा पूरे बिहार में उस पर दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं.