गरीबों को राशन कार्ड : सिस्टम के पेच में फंसा नया राशन कार्ड, 80 प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट
भागलपुर : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करनेवाले सस्ते दर पर राशन दुकान से अनाज लेंगे. पिछले साल तीनों अनुमंडल में राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन लिये गये, जिसकी जांच चल रही है. जांच में सबसे अधिक अस्वीकृत आवेदन नवगछिया अनुमंडल से हुए. विभिन्न प्रखंडों में स्वीकृत आवेदन की […]
भागलपुर : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करनेवाले सस्ते दर पर राशन दुकान से अनाज लेंगे. पिछले साल तीनों अनुमंडल में राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन लिये गये, जिसकी जांच चल रही है. जांच में सबसे अधिक अस्वीकृत आवेदन नवगछिया अनुमंडल से हुए. विभिन्न प्रखंडों में स्वीकृत आवेदन की संख्या कम हो गयी.
यही हाल अन्य अनुमंडल का है, जहां केेंद्र के आवंटन से कम कार्डधारक हो गये हैं. आज भी गरीबी से शहर व गांव में लोग दो जून की रोटी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. अभी भी सरकारी सिस्टम से असली जरूरत मंद दूर हैं.
जिले की 30 लाख की आबादी में 10 लाख की आबादी (बीपीएल की श्रेणी) दो जून रोटी की कशमकश कर रही है. उनके घर तक सस्ते दर पर राशन देना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार के नये राशन कार्ड बनाने का खाका इस तरह तैयार किया गया है कि अधिकतर गरीब उनकी शर्त पर खरे नहीं उतर सकते.
इस शर्त में सबसे बड़ी अड़चन आवेदक का संबंधित अनुमंडल का स्थायी निवासी होना है. रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकने वाले लोग स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र धारक नहीं हो सकते. वर्तमान में सरकारी रिकॉर्ड में चार लाख ही राशन कार्ड धारक हैं.
यही कारण कि जरूरतमंद होने के बावजूद छह लाख के करीब लोग सस्ते राशन से वंचित हैं. प्रस्तुत है नये राशन कार्ड बनने की राह में अड़चन की पड़ताल.
राशन कार्ड नहीं बनने का कारण: दोनों ही प्रकार के निवासियों का राशन कार्ड संबंधित वार्ड में नहीं बनेगा. राशन कार्ड आवेदन के साथ उन्हें आवासीय प्रमाण पत्र देना होगा. इसके लिए उनकी खुद के नाम की जमीन होनी चाहिए, जिससे उनका आवासीय प्रमाण पत्र बन सके. अधिकतर गरीब लोग जो रोजी-रोटी की तलाश में आये हैं, उनके लिए संभव नहीं है.
राशन कार्ड नहीं बनने का कारण : राशन कार्ड आवेदन में सरकार ने दो तरह के प्रपत्र यानी फॉर्म का प्रावधान कर रखा था. पहली बार राशन कार्ड बनाने वाले(जिनका पहले किसी संयुक्त परिवार के राशन कार्ड में नाम शामिल नहीं हो) को प्रपत्र क में अपना ब्योरा भरकर जमा करना था. वहीं प्रपत्र ख में उन्हें आवेदन करना था, जो पहले से संयुक्त परिवार के राशन कार्ड में शामिल थे. उन्हें प्रपत्र ख में पहले के राशन कार्ड के ब्याेरे में जानकारी देना था और वहां से नाम को काट कर अलग राशन कार्ड बनाने का आवेदन करना था.
कइयों ने प्रपत्र ख के बजाय प्रपत्र क में आवेदन दे दिया. दूसरा कारण विस्थापितों का है. बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदा से लोग अपने मूल स्थान से विस्थापित होकर दियारा क्षेत्र में रहते हैं. दियारा क्षेत्र में उनका आवासीय नहीं होने से राशन कार्ड नहीं बनता है.
80 फीसदी रिजेक्ट को लेकर यह उठाना पड़ा कदम : नवगछिया अनुमंडल में 29,909 में 23,253 आवेदन रिजेक्ट हो गये. डीएम प्रणव कुमार ने नये राशन कार्ड बनाने की समीक्षा में कम राशन कार्ड बनने पर आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने पहल करते हुए नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी को विकास मित्र से दोबारा क्षेत्र में सर्वे करने के लिए कहा. विकास मित्र अब जरूरतमंदों को दोबारा आवेदन करवा रहे हैं, जिससे वह सस्ते राशन की स्कीम का लाभ उठा सके.
जांच में सबसे अधिक अस्वीकृत आवेदन नवगछिया अनुमंडल से हुए.विभिन्न प्रखंडों में स्वीकृत आवेदनों की संख्या काफी कम हो गयी है
ग्रामीण क्षेत्र : प्रपत्र क में आवेदन देने से 80 फीसदी सिस्टम में हुए रिजेक्ट
ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी अधिकतर अशिक्षा के शिकार या फिर मजदूर किस्म के लोग हैं. नये राशन के आवेदन को लेकर अक्सर आवेदक ने गलत फॉर्म भर दिया. पहले से राशन कार्ड में नाम होने के बाद भी अलग राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन दे दिया, जिससे पहले से सरकारी डाटा (नेशनल फूड सिक्यूरिटी)में नाम होने से आवेदन रिजेक्ट हो गया.
यह है आवेदन व अस्वीकृत का आंकड़ा
सदर अनुमंडल
प्रखंड/शहरी क्षेत्र आवेदन अस्वीकृत
सुलतानगंज व नप सुलतानगंज 15701 9791
भागलपुर निगम क्षेत्र 11053 4987
शाहकुंड 8818 5094
नाथनगर 8852 4897
जगदीशपुर 9931 5860
गोराडीह 8171 4682
सबौर 7658 3943
ऐसा हो, तो राशन कार्ड बनाने में नहीं हो दिक्कत : बैंक में खाता खोलने में देने वाले कागजात की तरह राशन कार्ड के लिए भी कागजात का प्रावधान हो जाये, तो राशन कार्ड बनाने में दिक्कत नहीं होगी. बैंक में दूसरे जिले के लोगों का भी खाता खुल जाता है, लेकिन राशन कार्ड में बाढ़ से विस्थापित लोगों का आवेदन नहीं हो पाता है, जिनके पास आवासीय प्रमाण पत्र नहीं है.