ट्रिपल आइटी के छात्रों ने प्रदूषण स्तर मापने के लिए बनाया किट
भागलपुर : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी) के छात्राें ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित हवा में प्रदूषण का स्तर रिकाॅर्ड करने वाला किट डेवलप किया है. इस किट के सहारे हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा का पता चलेगा. ट्रिपल आइटी ने उम्मीद जतायी है कि इसे आने वाले समय में भागलपुर के […]
भागलपुर : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी) के छात्राें ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित हवा में प्रदूषण का स्तर रिकाॅर्ड करने वाला किट डेवलप किया है. इस किट के सहारे हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा का पता चलेगा. ट्रिपल आइटी ने उम्मीद जतायी है कि इसे आने वाले समय में भागलपुर के हर चौराहे पर लगाया जाये. अगर जिला प्रशासन या नगर निगम इस प्रोजेक्ट पर पहल करता है, तो ट्रिपल आइटी इसके लिए सॉफ्टवेयर के जरिये सपोर्ट करेगा.
साथ ही इस प्रोजेक्ट पर अपना एडवाइस देगा. उन्होंने बताया कि हवा में घुले कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड समेत अन्य हानिकारक गैसें लोगों को बीमार कर रही हैं. धूल मिट्टी के महीन कणों के अलावा मोटे कण भी हवा में फैल रहे हैं. इसकी वजह से एयर क्वॉलिटी इंडेक्सअपने अधिकतर स्तर पर पहुंच गया. प्रदूषण के स्तर को अपनी आंखों से देखकर लोग इसे कम करने के लिए प्रेरित होंगे.
हवा में घुले केमिकल की पहचान करेगा सेंसर : ट्रिपल आइटी के निदेशक डॉ अरविंद चौबे ने बताया कि संस्थान के एडवांस लैब में इसे तैयार किया गया है. इसे बनाने आइआइटियन शिक्षक और विद्वान छात्र-छात्राओं के रिसर्च शामिल हैं. दरअसल इस किट में एक सॉफ्टवेयर लगा रहेगा, जो अपने सेंसर के सहारे हवा में घुले केमिकल की पहचान करेगा. इसके रिजल्ट के आधार पर तय हो पायेगा कि किसी जगह पर प्रदूषण स्तर क्या है. इस आइडिया को स्टार्ट-अप से भी जोड़ा जायेगा. आने वाले समय में लोग मोबाइल एप से भी जान पायेंगे कि आप कितने प्रदूषित जगह पर खड़े हैं.
राज्यभर में डिसप्ले लगाने की तैयारी
निदेशक ने बताया कि राज्य सरकार को इस बाबत चिट्ठी भेजकर पॉल्यूशन मीटर की खूबी बतायी जायेगी. सरकार को जगह-जगह इसे लगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. इसमें सॉफ्टवेयर व आइटी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट पर ट्रिपल आइटी सलाहकार की भूमिका निभायेगा. बता दें कि शहर में कई जगह जिला प्रशासन के डिसप्ले लगे हुए हैं. इसके सहारे भी लोगों को प्रदूषण स्तर, तापमान, हवा की दिशा समेत अन्य जानकारी दे सकते हैं.