कर लें तैयारी, बैंकों में दो दिन की हड़ताल, चार दिन तक ठप रहेगा काम

भागलपुर : सितंबर महीने के आखिरी सप्ताह में बैंकों में हड़ताल दो दिनों की रहेगी, लेकिन इसका असर अगले चार दिनों तक देखने को मिलेगा. यानी, ग्राहकों को बैंकिंग सेवा-सुविधा चार दिनों तक नहीं मिलेगी. दरअसल, 26 व 27 सितंबर को बैंक कर्मियों की हड़ताल है, तो इसके बाद 28 सितंबर को माह का चौथा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2019 3:02 AM

भागलपुर : सितंबर महीने के आखिरी सप्ताह में बैंकों में हड़ताल दो दिनों की रहेगी, लेकिन इसका असर अगले चार दिनों तक देखने को मिलेगा. यानी, ग्राहकों को बैंकिंग सेवा-सुविधा चार दिनों तक नहीं मिलेगी. दरअसल, 26 व 27 सितंबर को बैंक कर्मियों की हड़ताल है, तो इसके बाद 28 सितंबर को माह का चौथा शनिवार व 29 को रविवार का अवकाश है.

सरकारी बैंकों के आपसी विलय के फैसले के विरोध व आठ मांगों के समर्थन में बैंक ऑफिसर्स की चार अलग-अलग यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है और इस संबंध में इंडियन बैंक एसोसिएशन को सूचित कर दिया है. इस दौरान डिजिटल और मोबाइल बैंकिंग सुविधा भी प्रभावित हो सकती है.

संगठन आये साथ : बैंक ऑफिसर्स की चार यूनियन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआइबीओसी), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआइबीओए), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आइएनबीओसी) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) की हड़ताल 25 सितंबर की मध्य रात्रि से लेकर के 27 की मध्य रात्रि तक रहेगी. यानी, 26 व 27 सितंबर को बैंक बंद रहेंगे.
बातें नहीं मानीं, तो नवंबर दूसरे सप्ताह से बेमियादी हड़ताल : आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि सभी बैंक अधिकारी संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार ने बात नहीं मानी, तो फिर नवंबर के दूसरे हफ्ते से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर करेंगे.
काम-काज पर पड़ेगा असर : हड़ताल से बैंकों के काम-काज पर असर पड़ेगा. लिहाजा ऐसे में ग्राहकों को इससे ही अपने काम-काम को पहले से ही निबटना पड़ेगा. बैंकों में दो दिनों की हड़ताल के दौरान एटीएम भी बंद रहेंगे.
पांच दिन किया जाये कार्य दिवस : बैंक यूनियनों ने विलय के विरोध के अलावा यह मांग भी की है कि सरकार हफ्ते में छह के बजाय पांच दिन का कार्य दिवस बैंकों में करे. इसके अलावा कैश ट्रांजेक्शन का समय घटाने, आरबीआइ के अनुसार पेंशन करने, बैंकों में भर्ती, एनपीएस को समाप्त करना, ग्राहकों के लिए सर्विस चार्ज में कमी, सैलरी और वेतन में बदलाव करना शामिल है.

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