ब्रजेश, भागलपुर : बाढ़ के पानी के दबाव से एनएच 80 की रोड जिस जगह पर खोखला हुआ है, वहां पर कांट्रैक्टर ने पूर्व में ही विभाग को अागाह किया था कि स्वाइल ट्रीटमेंट व बोल्डर पिचिंग बिना रोड को बचाना मुमकिन नहीं होगा. अभी स्थिति वही है. खानकित्ता-घोषपुर के बीच भागलपुर को फरक्का से जोड़ने वाली एनएच 80 की सड़क को बचाना मुश्किल हो गया है. पानी के दबाव से हाइवे खोखला हो गया है.
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मिनिस्ट्री ने नहीं दी स्वाइल ट्रीटमेंट की मंजूरी बाढ़ के दबाव से खोखला हो गया हाइवे
ब्रजेश, भागलपुर : बाढ़ के पानी के दबाव से एनएच 80 की रोड जिस जगह पर खोखला हुआ है, वहां पर कांट्रैक्टर ने पूर्व में ही विभाग को अागाह किया था कि स्वाइल ट्रीटमेंट व बोल्डर पिचिंग बिना रोड को बचाना मुमकिन नहीं होगा. अभी स्थिति वही है. खानकित्ता-घोषपुर के बीच भागलपुर को फरक्का से […]
हालांकि, विभाग ने कांट्रैक्टर की चेतावनी को गंभीरता से लिया था और एस्टिमेट बनाकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली को भी भेजा. लेकिन, मिनिस्ट्री ने यह कह कर मंजूरी नहीं दी कि जो प्रोजेक्ट पहले से स्वीकृत है, उसी पर काम कराएं. वरना, प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी हो जायेगी.
वर्तमान में स्थिति यह है कि सबौर-रामजानीपुर एनएच 80 की सड़क का निर्माण तय समय से डेढ़ साल पीछे तो चल ही रहा है, वहीं खानकित्ता-घोषपुर के बीच बाढ़ के पानी के दबाव से खोखला भी हो गया है. एनएच विभाग के प्रस्ताव पर मिनिस्ट्री की कैंची चलाने से न केवल विभाग की मुश्किलें बढ़ी हैं, बल्कि वर्तमान में आवाजाही भी ठप है.
48 करोड़ की लागत से बन रहे हाइवे का काम अधूरा : सबौर से रमजानीपुर के बीच बन रहे हाइवे का काम कहीं अधूरा है, तो कुछ जगहों पर पूरा होकर भी टूट गया है. वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर सबौर तक दोबारा बना.
साल 2016 : टूट कर बह गया था हाइवे, 12 करोड़ अतिरिक्त हुआ था खर्च
साल 2016 में गंगा के ऊफनाने से खानकित्ता-घोषपुर के बीच हाइवे टूटा था. इसके टूट के महीने भर पहले बाबा प्रोजेक्ट नामक कांट्रैक्टर ने करीब 6.06 करोड़ की राशि सड़क बनायी थी. विभाग ने उसी राशि में फिर से बनाने का दबाव बनाया मगर, कांट्रैक्टर ने इंकार कर दिया था.
तभी पक्कीसराय से रमजानीपुर के बीच करीब 9.27 करोड़ से बन रहे रोड के काम को रोक कर इसके एस्टिमेट को संशोधित किया गया और 12 करोड़ की राशि से टूट हुए भाग के निर्माण कार्य को शामिल करने से प्रोजेक्ट पूरा हुआ था.
खानकित्ता-घोषपुर के बीच बाढ़ से एनएच को बचाव की दिशा में काम चल रहा है. मसाढ़ू पुल के डायवर्सन को चलने लायक बना दिया गया है. वहीं, अतिरिक्त कार्य को जोड़ने से प्रोजेक्ट में देरी न हो जाये, इस कारण से स्वीकृत प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है.
राजकुमार, कार्यपालक अभियंता, एनएच
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