बाढ़ का कहर: चलती है तेज हवा, तो पांच दिन की ”गंगा” की खातिर सिहर उठती है ”नर्मदा”

बिहार के भागलपुर में बाढ़ का कहर जारी है. यहां तरह-तरह की समस्या लोगों को घेरे हुए है. एक कहानी यहां नर्मदा देवी की भी है… गर्भ में थी, तो बाढ़ में सामान बांधते, आनन-फानन में नाव पर सवार होते परिजनों की सांसें अटकी थीं. आज पांच दिन की नन्हीं सी जान गंगा को अपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2019 12:59 PM

बिहार के भागलपुर में बाढ़ का कहर जारी है. यहां तरह-तरह की समस्या लोगों को घेरे हुए है. एक कहानी यहां नर्मदा देवी की भी है… गर्भ में थी, तो बाढ़ में सामान बांधते, आनन-फानन में नाव पर सवार होते परिजनों की सांसें अटकी थीं. आज पांच दिन की नन्हीं सी जान गंगा को अपनी आंचल व चादर से ढंक कर किसी तरह संक्रमण और बीमारियों से बचाने की जद्दोजहद महाशय ड्योढ़ी परिसर में कर रही हैं नर्मदा देवी.

गंगा में उफान देख अजमेरीपुर से किसी तरह अपने माता-पिता, भाई और अन्य परिजनों के साथ महाशय ड्योढ़ी स्थित बाढ़ राहत शिविर पहुंची थीं. पांच दिन पहले एक अस्पताल में नर्मदा ने बेटी को जन्म दिया था. पिछले दो-तीन दिनों से वह फिर से उसी शिविर में साड़ियों की दीवार पर प्लास्टिक की छतरी के नीचे खटिया पर अपनी बच्ची को संभाल रही है. आसपास कीचड़, गंदगी पसरी है और सैकड़ों बकरियों व भैंसों का बसेरा है.
ठंड हवा का थोड़ा भी तेज झोंका अंदर आता है, तो नर्मदा सिहर उठती है. डर लगा रहता है कि कभी भी कोई संक्रमण न हो जाये.

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