बाढ़ राहत कैंप से लाइवः प्रभात खबर टीम को नजर आया वो नजारा जिसे जानकर रो पड़ेंगे आप

शुभंकर/डबलू सुलतानगंज : बाढ़ राहत शिविर में मां भूखे सो गयी. रात भर बच्चे दूध के लिए बिलखते रहे. ब्लॉक स्थित यात्री शेड धर्मशाला में बनाये गये राहत कैंप में लगभग 50 परिवार के 150 लोग ठहरे हैं. प्रभात खबर टीम ने राहत कैंप का जायजा लिया, तो पीड़ित ने बताया कि चार दिन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2019 7:38 AM
शुभंकर/डबलू
सुलतानगंज : बाढ़ राहत शिविर में मां भूखे सो गयी. रात भर बच्चे दूध के लिए बिलखते रहे. ब्लॉक स्थित यात्री शेड धर्मशाला में बनाये गये राहत कैंप में लगभग 50 परिवार के 150 लोग ठहरे हैं. प्रभात खबर टीम ने राहत कैंप का जायजा लिया, तो पीड़ित ने बताया कि चार दिन में बाढ़ पीड़ितों को 50 किलो चूड़ा का वितरण किया गया है. चूड़ा खाकर चार दिन से हमलोग अपनी भूख मिटा रहे हैं.
शिविर में ठहरे लोग भूख से व्याकुल थे. कई महिलाएं भूखे सोयी थी, तो कई बैठ कर खाना मिलने की आस लगायी थी. कैंप में बच्चों के रोने-बिलखने की आवाज गूंज रही थी.
पूछने पर महिला अरुणा देवी, मंजू देवी, सुषमा देवी ने बताया कि कैंप में पहले दिन ही आने पर चूड़ा का वितरण किया गया था. चूड़ा के अलावा कुछ नहीं दिया गया. चार दिन बीत गये हैं, कोई देखने के लिए भी नहीं आया है. दो दिन से भूखे सोयी हुई हूं. लोगों से मांग-मांग कर किसी तरह बच्चों को खिला रही हूं.
बच्चे दिन भर दूध के लिए रोते है. बच्चों का रोते-रोते सर्दी, बुखार लग गया है. कई बाढ़ पीड़ित कैंप में भींगे कपड़े पहने हुए थे. बाढ़ पीड़ित नगर परिषद वार्ड 8 के कासिमपुर के उत्तर टोला के है. बाढ़ पीड़ित राज कपूर तांती, मंटू तांती, मनोज तांती, नरेश तांती, लालो तांती, अवधेश तांती ने बताया कि भोजन मांगते-मांगते थक गये, जब अधिकारी से मुलाकात हुई तो अधिकारियों ने कहा पका भोजन देना संभव नहीं है. चावल, दाल ले जाइये, खुद बना लीजिए. कैंप में गंदगी का अंबार है.
कहते हैं सीओ
वरीय अधिकारियों के निर्देश पर सूखा राशन ही वितरण कर रहे हैं. अगर चूड़ा कम दिया गया है तो फिर चूड़ा दिया जायेगा. नगर परिषद की जिम्मेदारी है साफ-सफाई का. सीओ ने कहा कि दिनभर बाढ़ पीड़ितों की भीड़ रहती है. सभी को देखना पड़ता है. हर संभव सहायता की जा रही है.
— शशिकांत कुमार,
सीओ सुलतानगंज.

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