भागलपुर : तकरीबन 4.70 किलोमीटर लंबे विक्रमशिला सेतु पर 40 मिमी मोटी सड़क जगह-जगह से टूटने लगी है और गड्ढे बनने लगे हैं. जबकि, सेतु की सड़क बनने से अभी ढाई साल भी नहीं हुआ है. सड़क टूटने की रफ्तार यही रही, तो कुछ दिनों में ही सेतु के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे. दरअसल, कुछ जगहों पर गड्ढों का आकार बढ़ गया है, जिससे सेतु का ढलाई वाला हिस्सा अब साफ तौर पर दिखायी देने लगा है. इधर, गड्ढों की वजह से दुर्घटना की संभावना भी कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है.
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ढाई साल भी नहीं टिकी विक्रमशिला सेतु की सड़क, गड्ढों से दुर्घटना की आशंका
भागलपुर : तकरीबन 4.70 किलोमीटर लंबे विक्रमशिला सेतु पर 40 मिमी मोटी सड़क जगह-जगह से टूटने लगी है और गड्ढे बनने लगे हैं. जबकि, सेतु की सड़क बनने से अभी ढाई साल भी नहीं हुआ है. सड़क टूटने की रफ्तार यही रही, तो कुछ दिनों में ही सेतु के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने […]
बता दें कि करीब 14 करोड़ से सेतु का रखरखाव कार्य हुआ है. रखरखाव कार्य में सबसे पहले यानी, 21 अप्रैल 2017 को सड़क बनी है.
तो सड़क बनाने की जल्दबाजी में गुणवत्ता का नहीं रहा ख्याल : ढाई साल में ही सेतु की सड़क टूटने से अब इसके गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, मुंबई की रोहरा रिबिल्ड एसोसिएट्स सेतु का रखरखाव से लेकर सड़क बनायी है. कार्य एजेंसी ने महज 14 दिन में 4.70 किमी लंबी सड़क बना दी थी. इन 14 दिनों में कभी जाम, तो कभी मौसम की बेरुखी का दंश बता कुछ दिनों तक काम बंद भी रहा था.
तब लो क्वालिटी के अलकतरा की वजह से मास्टिक काम पर लगी थी रोक : सड़क बनने के बाद इस पर मास्टिक लेयर चढ़ाने का काम हुआ था. तब मास्टिक लेयर चढ़ाने के लिए एजेंसी ने जिस अलकतरा का स्टॉक किया था, वह लो क्वालिटी की थी. इसलिए एजेंसी को पुल निर्माण निगम ने अलकतरा बदलने को कहा था. कार्य एजेंसी ने हाई-ग्रेड अलकतरा कोलकाता से मंगवाया था.
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