दो दारोगा व एक जमादार निलंबित, अन्य भी घेरे में
भागलपुर : श्रीराम अपार्टमेंट में सोमवार शाम नाटकीय ढंग से अपहर्ताओं के विरुद्ध हुई कार्रवाई और पुलिस पर फायरिंग मामले का पर्दाफाश महज एक सीसीटीवी कैमरे ने कर दिया. मामले की भनक वरीय अधिकारियों को लगी, तो फौरन मामले की जांच करायी गयी. इसमें जोगसर थाना पुलिस की भूमिका को संदिग्ध पायी गयी. डीआइजी के […]
भागलपुर : श्रीराम अपार्टमेंट में सोमवार शाम नाटकीय ढंग से अपहर्ताओं के विरुद्ध हुई कार्रवाई और पुलिस पर फायरिंग मामले का पर्दाफाश महज एक सीसीटीवी कैमरे ने कर दिया. मामले की भनक वरीय अधिकारियों को लगी, तो फौरन मामले की जांच करायी गयी. इसमें जोगसर थाना पुलिस की भूमिका को संदिग्ध पायी गयी.
डीआइजी के निर्देश पर सिटी एसपी ने जांच कर दो घंटे के भीतर रिपोर्ट सीनियर एसपी को सौंप दी. रिपोर्ट के आधार पर सीनियर एसपी ने जोगसर थाना के प्रभारी एसएचओ (थानाध्यक्ष) समेत दो एसआइ और एक जमादार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है. इधर, देर रात तक मामले को लेकर सिटी एसपी जोगसर थाना के अन्य अफसरों और जवानों से पूछताछ करते रहे.
अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में घटना के एक दिन पूर्व यानी रविवार को ही जोगसर थाना की पुलिस के साथ एसआइ शिव शंकर दूबे व अन्य जवानों को मामले के मुख्य अभियुक्त के साथ अपार्टमेंट में जाते देखा गया. वहीं, 20 मिनट के बाद मुख्य अभियुक्त सहितअन्य आरोपितों के साथ पुलिस अपार्टमेंट से बाहर आयी और अभियुक्तों से कुछ बातचीत करने के बाद चली गयी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जोगसर पुलिस के एसआइ ने अभियुक्तों को अपहृत से पैसे वापस दिलाने का आश्वासन देते हुए सौदा किया था. इसका भंडाफोड़ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और अपार्टमेंट के कर्मियों व अन्य लोगों के बयान में हुआ है.
वहीं, जोगसर थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष एसआइ बबलू कुमार पंडित, एसआइ शिव शंकर दूबे और एएसआइ दिलीप सिंह (थाना के मुंशी) की भूमिका संदिग्ध पायी गयी. आरोप है कि इन अफसरों ने मिल कर थाना के अन्य अफसरों, जवानों और अपार्टमेंट में रहनेवाले छात्रों की जान को जाेखिम में डाल नाटकीय ढंग से मामले में कार्रवाई की.