न स्वच्छता की पकड़, न ही बन सका शौचालय का तल्ला

कहलगांव प्रखंड ओडीएफ घोषित, लेकिन जमीनी हाल यह कहलगांव : कहलगांव प्रखंड में पंचायतवार वर्ष 2017 से ही ओडीएफ की घोषणा होनी शुरू हो गयी थी. 2019 में ही पूर्णत: ओडीएफ प्रखंड घोषित हो गया, यानी यहां हर घर में शौचालय है. शुक्रवार को जब प्रभात खबर की टीम ने भोलसर पंचायत के पकड़तल्ला गांव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2019 2:03 AM

कहलगांव प्रखंड ओडीएफ घोषित, लेकिन जमीनी हाल यह

कहलगांव : कहलगांव प्रखंड में पंचायतवार वर्ष 2017 से ही ओडीएफ की घोषणा होनी शुरू हो गयी थी. 2019 में ही पूर्णत: ओडीएफ प्रखंड घोषित हो गया, यानी यहां हर घर में शौचालय है. शुक्रवार को जब प्रभात खबर की टीम ने भोलसर पंचायत के पकड़तल्ला गांव की पड़ताल की, तो स्थिति काफी खराब दिखी. लोगों को स्वच्छता से कोई मतलब नहीं था. 485 घरों वाले इस गांव में 20 से 25 में ही शौचालय दिखा. उसमें भी कुछ घरों के लोग इसे गोइठा का स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल करते हैं.

अभी भी प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां शौचालय निर्माण के नाम पर महज खानापूर्ति की गयी है. गहनता से जांच हो, तो वैसे पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की पोल ऐसे गांवों में खुल जायेगी, जो खुद कोसबसे अधिक व्यस्ततम बताने में आगे रहते हैं. इस गांव के अधिकतर ग्रामीण गरीब मजदूर या रिक्शा-ठेला चालक हैं.

लोग छोड़ नहीं पाये हैं गंगा के तट और खेतों की आदत

पकड़तल्ला के अधिकतर गांव वालों की स्थिति यह है वे आज भी गंगा के तट और खेतों की आदत नहीं छोड़ पाये हैं. इन्हें यह बतानेवाला कोई नहीं है कि खुले में शौच स्वास्थ्य के लिए कितना अहितकर है. ग्रामीण या तो खेत में या गंगा के धार के किनारे लोटा लेकर रोज सुबह निकल जाते हैं. गांव की महिलाएं पौ फटने से पहले निकल गयीं, तो ठीक. अन्यथा उन्हें शाम होने का इंतजार करना पड़ता है. कोई वाहन आता-जाता नहीं दिखा, तो एनएच के किनारे का भी उपयोग शौच करने के लिए करते हैं.

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