स्वतंत्रता सेनानी बलभद्र प्रसाद मंडल का निधन

ढोलबज्जा : खैरपुर कदवा पंचायत के भूतपूर्व मुखिया आश्रम टोला निवासी स्वतंत्रता सेनानी सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे बलभद्र प्रसाद मंडल का शनिवार की सुबह करीब आठ बजे निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर सुनकर इलाके के बड़ी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंच कर अंतिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2019 8:17 AM

ढोलबज्जा : खैरपुर कदवा पंचायत के भूतपूर्व मुखिया आश्रम टोला निवासी स्वतंत्रता सेनानी सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे बलभद्र प्रसाद मंडल का शनिवार की सुबह करीब आठ बजे निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर सुनकर इलाके के बड़ी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंच कर अंतिम दर्शन किया. नवगछिया के सीओ विद्यानंद राय और कदवा ओपी पुलिस ने भी उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर सलामी दी.

ढोलबज्जा की तीनों पंचायतों के मुखिया अजय कुमार, अशोक सिंह व राजकुमार मंडल उर्फ मुन्ना, माले नेता रामदेव सिंह, जिला पार्षद नंदनी सरकार, श्रवण राय, सरपंच वीरेंद्र मंडल, पूर्व सरपंच सुबोध मिश्रा, नवगछिया कांग्रेस जिला कमेटी के अध्यक्ष शीतल सिंह, जितेंद्र सिंह, युवा जदयू जिलाध्यक्ष सोनू कुमार जायसवाल, निरंजन भारती, दिनेश सिंह, शिक्षक नेपाली सिंह आदि ने दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये.
विश्व भारती प्रतियोगिता विद्यालय सह कोचिंग सेंटर खैरपुर कदवा के छात्र-छात्राओं ने भी शिक्षक नेपाली मिस्त्री व रामदेव मंडल के साथ आश्रम टोला पहुंचकर स्वतंत्रता सेनानी का अंतिम दर्शन किया. इसके बाद सभी मुखिया अजय कुमार के साथ मवि खैरपुर कदवा पहुंचे और वहां शोक सभा आयोजित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए की. एक मिनट का मौन धारण किया. शोक सभा का नेतृत्व रामदेव सिंह कर रहे थे.
बलभद्र बाबू का पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित रहा
बलभद्र प्रसाद मंडल कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व के धनी थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में बिताया. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1934 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान कम्युनिस्ट आंदोलन के साथ हुई. लेकिन कुछ दिनों बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गये.
वह वर्तमान में भी कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष थे. बलभद्र बाबू 22 वर्षों तक खैरपुर कदवा पंचायत के मुखिया व पांच वर्ष तक पंचायत समिति सदस्य रहे. वर्ष 1934 के बाद बलभद्र बाबू ने कदवा जैसे पिछड़े इलाके में शिक्षा का दीप जलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. मध्य विद्यालय खैरपुर कदवा के निर्माण में इनका अहम योगदान रहा.

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