यंगिस्तान की नेहा पर फिदा हुआ शहर

भागलपुर: ..और ये आयी अपनी हीरोइन! अरे, ये तो फिल्मों से भी ज्यादा सुंदर दिख रही है. हजारों युवाओं की भीड़ में ऐसी ही चर्चाओं से शुरू हुआ, बॉलीवुड की हसीन अदाकारा नेहा शर्मा का रोड शो. क्रुक, तेरी मेरी कहानी, यमला पगला दीवाना-2 जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुकी भागलपुर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2014 8:38 AM

भागलपुर: ..और ये आयी अपनी हीरोइन! अरे, ये तो फिल्मों से भी ज्यादा सुंदर दिख रही है. हजारों युवाओं की भीड़ में ऐसी ही चर्चाओं से शुरू हुआ, बॉलीवुड की हसीन अदाकारा नेहा शर्मा का रोड शो. क्रुक, तेरी मेरी कहानी, यमला पगला दीवाना-2 जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुकी भागलपुर की नेहा शर्मा अपने पिता अजीत शर्मा के लिए वोट मांगने पहुंची, तो न केवल शहर बल्कि अन्य जगहों से भी शहर पहुंचे यूथ का जत्था पहुंचा. नेहा की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ थी. हिंदी व तेलुगू फिल्मों में अपनी अदाकारी का जादू बिखेर चुकी शहर की बेटी से मिलने के लिए महिलाएं व बुजुर्ग भी प्रतीक्षारत दिखे.

बस इक मुस्कान पर फिदा हुआ शहर

हजारों-हजार युवाओं की भीड़ के बीच चार चक्के पर सवार होकर अपनी मनमोहक मुस्कान के साथ हाथ हिलाते हुए जब शहर की बॉलीवुड अदाकारा नेहा शर्मा कचहरी चौक से आगे बढ़ी, तो युवाओं की उनके करीब पहुंचने की दीवानगी दिखी. चार पहिया वाहन पर सवार सिने अभिनेत्री ने अपनी मनमोहक मुस्कान का जादू शहर वासियों पर बिखेरा.

कुछ घंटों के लिए थमी आवाजाही

कचहरी चौक स्थित कार्यालय से निर्धारित नेहा का रोड शो यूं तो शाम चार बजे से होना था, लेकिन दोपहर दो बजे के बाद से ही कचहरी चौक स्थित कांग्रेस कार्यालय के पास युवाओं की भीड़ जुटने लगी थी. चार बजते-बजते हजारों की संख्या में यूथ जमा चुके थे. साथ ही हजारों बाइक व चार पहिया वाहनों की भीड़ से कुछ घंटे के लिए कचहरी चौक पर जाम लग गया और रोड शो में शामिल होने वाले लोगों के साथ आवाजाही बिल्कुल थम सी गयी. रोड शो निकलने के काफी देर बाद स्थिति सामान्य हो पायी.

हीरोइन को देख हसरत हुई पूरी

घंटों पहले से नेहा शर्मा के इंतजार में कचहरी चौक पर यंगिस्तान की हसरत तब पूरी हो गयी, जब काफी इंतजार के बाद फिल्म यंगिस्तान की हीरोइन का दीदार हुआ. रोड शो में शामिल भीड़ न केवल मतदाताओं की थी, बल्कि शहर में पढ़ाई करने आये यूथ सड़कों पर उमड़ पड़े थे. जैसे-जैसे जत्था बढ़ता जा रहा था, विभिन्न चौक -चौराहों पर खासकर युवाओं की भीड़ बढ़ती जा रही थी.

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