भागलपुर: भागलपुर विश्वविद्यालय के एक वरीय पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल में वर्ष 2013 में सरकार के निर्देश पर 117 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. उन्हें संबंधित कॉलेज के आंतरिक कोष से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है.
कॉलेज का आंतरिक कोष अब खाली होता जा रहा है. वह दिन दूर नहीं, जब विश्वविद्यालय इस व्यवस्था के तहत पूर्व से नियुक्त अतिथि शिक्षकों को मानदेय का भुगतान नहीं कर पायेगा.
ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को पिछले महीने पत्र लिख कर कहा गया है कि अब सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों को मानदेय का भुगतान किया जाये. सूत्र बताते हैं कि राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है. कॉलेज के कमजोर पड़ रहे आंतरिक कोष को देखते हुए सभी रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने में राशि का टोटा होने की संभावना जतायी जा रही है.
दूसरी ओर पूर्व में नियुक्त अतिथि शिक्षकों को 250 रुपये प्रति व्याख्यान या अधिकतम 12,000 रुपये मासिक की दर से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. 20 अगस्त को जारी पत्र में सरकार ने कहा है कि सभी रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया जाये और उनसे यूजीसी द्वारा निर्धारित 1000 रुपये प्रति व्याख्यान या अधिकतम 25000 रुपये की दर से भुगतान कर सेवाएं ली जायेगी. ऐसे में पूर्व से नियुक्त अतिथि शिक्षकों के बीच चर्चा होने लगी है कि जब नये अतिथि शिक्षकों को यूजीसी द्वारा निर्धारित दर से भुगतान होगा, तो उन्हें क्यों नहीं.