भागलपुर: सिल्क सिटी में एक बार फिर गैंगवार शुरू हो चुका है. लगातार दागी लोग मारे जा रहे हैं. कुख्यात मो आलम की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि गैंगवार में गाजी बाबा उर्फ विक्की उर्फ जिसान की भी हत्या कर दी गयी. पार्षद चमरू मियां और पार्षद पति साबिर पर भी जानलेवा हमला हो चुका है.
पुलिस भी दबी जुबान से गैंगवार की बात स्वीकार कर रही है. एक माह के भीतर दो दागियों की हत्या के बाद यह सवाल बना हुआ है कि अब तीसरी बारी किसकी है? सूत्र बताते हैं कि भागलपुर में जल्द ही गैंगवार में और हत्याएं हो सकती है. दरअसल फेंकू मियां और अंसारी गैंग में टकराव की स्थिति बन रही है. फेंकू मियां की हत्या के बाद उसका बेटा टिंकू मियां अपने पिता की हत्या का बदला लेने का एलान कर चुका है. हाल में हुसैनाबाद, मोगलपुरा में लगातार हुई फायरिंग, बमबाजी गैंगवार की पृष्ठभूमि का ही एक हिस्सा था.
गाजी ने दुकानदार पर चलायी थी गोली. कुछ साल पूर्व तातारपुर के एक किताब दुकानदार से रंगदारी मांगने के मामले में गाजी ने उक्त दुकानदार पर फायरिंग की थी. इस मामले में तातारपुर थाने में गाजी पर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था. बाद में उसने इस मामले में बाहर से ही जमानत ले ली थी. फिलहाल गाजी के खिलाफ एक वारंट तातारपुर थाने में पड़ा हुआ है. गाजी अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता था, लेकिन उसकी गलत संगति के कारण परिवार वालों से उसकी नहीं बनती थी. इस कारण वह अलग रहता था.
जय किशन हत्याकांड में पुलिस ने ली थी मदद. चर्चित जय किशन हत्याकांड में कोतवाली के तत्कालीन सहायक थानाध्यक्ष ने गाजी बाबा से मदद ली थी. इस मामले में गाजी को कोतवाली बुलाया गया था और सीसीटीवी फुटेज गाजी बाबा को दिखाया गया था. दरअसल, गाजी बाबा की शक्ल से मिलता-जुलता एक व्यक्ति सीसीटीवी फुटेज में कैद था. लेकिन जब गाजी ने आकर फुटेज देखा तो वह कोई दूसरा निकला. गाजी ने उसका नाम भी पुलिस को बताया था.
आलम भी था चर्चित अपराधी. 14 अगस्त को उल्टा पुल के नीचे मारा गया मो आलम भी शहर का चर्चित अपराधी रहा है. उस पर फायरिंग, हत्या के प्रयास, रंगदारी का मामला दर्ज था. रंगदारी वसूलने के लिए आलम दिल्ली से भागलपुर आता था. गैंगवार में मारे जाने के भय से आलम अपनी पैतृक संपत्ति को बेच कर सपरिवार दिल्ली शिफ्ट कर गया था.
ट्रेनों में कलम बेचता था गाजी
आज से कुछ साल पूर्व गाजी बाबा ट्रेन में घूम कर फेरी करता था और कलम बेचता था. कलम बेचने छोड़ उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. गाजी बाबा कोलकाता में भी कभी रहता था. उसका भागलपुर में ननिहाल भी है. गाजी पर आर्म्स एक्ट, रंगदारी, मारपीट आदि के मामले दर्ज हैं. पुलिस मोजाहिदपुर, तातारपुर, कोतवाली, बबरगंज समेत जिले के अन्य थानों का रिकार्ड खंगालने में जुट गयी है ताकि गाजी पर दर्ज मामले की जानकारी मिल सके.
..तो 6 सितंबर को ही मारा जाता गाजी!
भागलपुर. गाजी बाबा की हत्या छह सितंबर को शाहजंगी इलाके में होने वाली थी. उसके हत्या की साजिश कुल पांच अपराधियों ने मिल कर रची थी. हालांकि हत्या के पूर्व भागलपुर पुलिस को इसकी भनक लग गयी थी. इस कारण हबीबपुर पुलिस सक्रिय हो गयी. पुलिस के सक्रिय होने से गाजी की जान उस दिन बच गयी थी. पुलिस को जानकारी मिली थी कि छह सितंबर को गाजी किसी काम से शहजंगी जानेवाला था. सूत्रों का कहना है कि गाजी की हत्या में बिल्ला, रेहान, रहमत, इम्तियाज और चर्चित अपराधी नाढ़ा ने भूमिका निभायी है. सारे लोग फरार चल रहे हैं. जय किशन हत्याकांड में भी नाढ़ा संदिग्ध है. कोतवाली पुलिस को भी उसकी तलाश है.
अज्ञात अपराधकर्मियों पर प्राथमिकी
गाजी बाबा की हत्या को लेकर नाथनगर थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. परिजनों के नहीं पहुंचने पर पुलिस ने गाजी के मकान मालिक मो बबलू का बयान लिया और उनके बयान पर इस कांड की प्राथमिकी दर्ज की. प्राथमिकी में कहा गया है कि अज्ञात अपराधियों ने गाजी बाबा की गोली मार कर हत्या कर दी.
पुलिस ने दर्ज की गाजी पर प्राथमिकी
गाजी बाबा के कमरे की तलाशी में पुलिस को एक पिस्टल, छह गोली मिली. इस बाबत नाथनगर पुलिस ने खुद अपने बयान पर गाजी बाबा पर आर्म्स एक्ट की प्राथमिकी दर्ज की है. बताया जाता है कि गाजी अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा लोडेड पिस्तौल साथ रखता था.