भागलपुर: खाप-पंचायतों के तुगलकी फैसलों के लिए हरियाणा चर्चित है. लेकिन भागलपुर में दो पंचायत के अलग-अलग फैसले में एक युवती की जान चली गयी. एक पंचायत ने चचेरे भाई-बहन की शादी करा दी तो दूसरी पंचायत ने लड़की की इज्जत का सौदा एक लाख तय कर दिया. कोमल और पारस की शादी में पंचायत की अहम भूमिका रही.
दोनों रिश्ते में चचेरे भाई-बहन हैं. लेकिन पंचायत ने यह तय किया कि दोनों में प्यार है और जिस्मानी रिश्ता भी कायम हो चुका है. इसलिए पंचायत ने दोनों की शादी का फैसला सुना दिया. लड़का-लड़की के परिजन भी तैयार हो गये. लेकिन शादी के बाद इसी मामले में एक दूसरी पंचायत भी बैठी. इस पंचायत ने तय किया कि लड़की एक लाख रुपये लेकर शादी तोड़ दे. यानी लड़की की इज्जत की बोली पंचायत ने एक लाख लगायी. लेकिन इस फैसले पर लड़की वाले तैयार नहीं हुए. जाहिर है कोई तैयार नहीं होता, क्योंकि किसी की आबरू का सवाल था. दोनों पंचायतों के फैसले में आखिरकार अबला कोमल की जान चली गयी.
शादी के पहले पंचायत का फैसला. कोमल और पारस की शादी के पहले नाथनगर के घोसी टोला में समाज की पंचायत बैठी. पंचायत ने दोनों की शादी का फरमान सुनाया. दोनों पक्ष, पंचायत, पुलिस की मौजूदगी में कोमल और पारस की शादी हो गयी. पुलिस ने लड़का पक्ष से बांड भी भरवाया. अगर लड़का, लड़की को नहीं रखेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी.
शादी के बाद पंचायत का फैसला. कोमल के मामा रमेश रजक ने बताया कि दोनों की शादी के दस दिन बाद बड़ी खंजरपुर में समाज की पंचायत बैठी. इस पंचायत ने फैसला दिया कि दोनों चचेरे-भाई हैं, इसलिए यह शादी सही नहीं है. लड़की पक्ष एक लाख रुपये लेकर इस शादी को तोड़ दे और कोमल की अन्यत्र कहीं शादी करा दे. लेकिन लड़की वालों ने यह फैसला नागवार गुजरा और उन्होंने पंचायत के फैसले का विरोध किया. नतीजा कोमल को ससुराल में रहने नहीं दिया गया. उसके साथ मारपीट-प्रताड़ना शुरू हो गयी, जो उसकी जान जाने के बाद ही खत्म हुई.
गुड्स गार्ड में होनेवाली थी नौकरी
शादी से पूर्व पारस बेरोजगार था, लेकिन शादी के बाद रेलवे में गुड्स गार्ड की नौकरी मिल गयी. सारी प्रक्रियाएं पूरी कर अब वह ज्वाइनिंग लेटर का इंतजार रहा था. पारस को नौकरी मिलते ही उसके माता-पिता दहेज में पांच लाख रुपये की मांग करने लगे. लेकिन कोमल के पिता विनोद रजक ने पैसे देने में असमर्थता जतायी. इसके बाद कोमल को ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा. उसे ससुराल से निकाल भी दिया गया था. शुक्रवार को ससुराल वालों ने कोमल के साथ मारपीट की और घर के बाहर सड़क पर केरोसिन डाल कर उसे जला दिया. पति पारस ने माचिस जलायी. आग लगाने के बाद पति फरार हो गया और ससुरालवालों ने घर का दरवाजा, खिड़की बंद कर लिया. घर के बाहर सड़क पर भीड़ के बीच धू-धू कर जल रही थी और भीतर ससुरावाले आराम से बैठे हुए थे. घरवाले तो दूर मोहल्लेवासियों ने भी कोमल की मदद नहीं की. पुलिस पहुंची तो उसे इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच भेजा.
गिरफ्तार आरोपियों को भेजा गया जेल
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी पति पारस उर्फ सुजीत रजक, नंदू रजक और दुलारी देवी को बरारी पुलिस ने शनिवार को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया. जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस मामले में फरार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. कोमल का एक जेठ कोर्ट में काम करता है.
छोटे भाई ने दी मुखाग्नि
कोमल की मौत के बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. शाम में लाश का पोस्टमार्टम हो गया. बरारी गंगा घाट के किनारे कोमल का दाह-संस्कार कर दिया गया. छोटे भाई दीपक रजक ने मुखाग्नि दी. कोमल अपने माता-पिता की एकलौती पुत्री थी. उसका दो भाई है.