बसाया जाये, नहीं तो जेल में डाला जाये
भागलपुर: झुग्गी-झोंपड़ी संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को सैकड़ों झुग्गी वासियों ने समाहरणालय परिसर में प्रदर्शन किया और डीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा. समिति ने मेडिकल की भूमि व अन्य सरकारी खाली जमीन पर बसे भूमिहीनों को बासगीत परचा देकर बसाने की मांग की. समिति का कहना है कि यदि उन्हें बसाये बगैर […]
भागलपुर: झुग्गी-झोंपड़ी संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को सैकड़ों झुग्गी वासियों ने समाहरणालय परिसर में प्रदर्शन किया और डीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा. समिति ने मेडिकल की भूमि व अन्य सरकारी खाली जमीन पर बसे भूमिहीनों को बासगीत परचा देकर बसाने की मांग की. समिति का कहना है कि यदि उन्हें बसाये बगैर उजाड़ा गया तो वह रोड पर आ जायेंगे. ऐसे में उन्हें या तो बसाया जाये या नहीं तो जेल में डाल दिया जाये.
प्रशासन पुनर्वासित करने के लिए झुग्गी-झोंपड़ी वासियों का सर्वे कर चुकी है और सूची भी तैयार है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण उन्हें बसाने में रुचि नहीं ली जा रही है. वर्ष 2012 में भी ऐसी समस्या आयी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया था कि पुनर्वासित किये बगैर उन्हें नहीं उजाड़ा जायेगा.
प्रशासन के इस निर्णय का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ा है और उन्होंने स्कूल तक जाना बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों में समिति के जिला संयोजक प्रकाश पासवान, मो. कासिम, रामदुलारी, अनिल कुमार मंडल, रामपूजन, अनिरुद्ध, सुषमा, राहुल आदि शामिल थे.