मिनी सचिवालय के लिए कार्यालयों को खाली करने की तैयारी
समाहरणालय परिसर में नये समाहरणालय भवन (मिनी सचिवालय) बनाने के लिए एजेंसी बहाल हो चुकी है. अब प्रस्तावित निर्माण स्थल पर पहले से चल रहे कार्यालयों को खाली कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है, ताकि उन कार्यालयों को तोड़ कर मिनी सचिवालय बनाया जा सके.
समाहरणालय परिसर में नये समाहरणालय भवन (मिनी सचिवालय) बनाने के लिए एजेंसी बहाल हो चुकी है. अब प्रस्तावित निर्माण स्थल पर पहले से चल रहे कार्यालयों को खाली कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है, ताकि उन कार्यालयों को तोड़ कर मिनी सचिवालय बनाया जा सके. खाली कराये जानेवाले कार्यालयों को शिफ्ट की जानेवाली जगह तलाश करने के लिए पदाधिकारियों की बैठक हो सकती है. डीसीएलआर भवन, ओल्ड एनआइसी भवन, जनरल टाॅयलेट और हाजत भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जायेगी. हाजत भवन में अभी भी जिला पंचायती राज कार्यालय चल रहा है. इसको तोड़ने का ठेका जिस एजेंसी ने लिया है वह कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिख चुका है. भवन तोड़ने का कार्यादेश एजेंसी को प्राप्त हो चुका है. मिनी सचिवालय का निर्माण करीब 17 करोड़ की राशि से होनी है. चयनित एजेंसी रांची की है. मिनी सचिवालय जी प्लस फाइव बनेगा. इसके बाद सारा विभाग एक छत के नीचे ही रहेगा. समाहरणालय स्थित कार्यालयों में जगह की कमी से परेशानी हो रही है. कल्याण विभाग की काफी सामग्रियों को बरामदे पर रखना पड़ रहा है. वरीय उपसमाहर्ताओं को बैठने की पर्याप्त जगह की कमी है. एक-एक कमरे में दो-दो वरीय उपसमाहर्ता का चैंबर है. इन वजहों से भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से भौतिक निरीक्षण कराकर नक्शा और प्रस्ताव पर विभाग से तकनीकी स्वीकृति दिलायी गयी और भवन निर्माण विभाग ने भी टेंडर की प्रक्रिया अपनाते हुए कार्य एजेंसी चयनित कर ली है. अब निर्माण स्थल जितनी जल्दी खाली होगा, निर्माण कार्य उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा.
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