एमबीए का मार्क्स आया
भागलपुर: बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर में मूल्यांकन कार्य में हुई देरी का खामियाजा तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के बीएड, एमबीए व प्रीपीएचडी के छात्र भुगत रहे हैं. काफी जद्दोजहद के बाद बुधवार को एमबीए का मार्क्स पहुंचा. उत्तरपुस्तिकाएं अभी भी बिहार यूनिवर्सिटी में ही पड़ी हैं. परीक्षा नियंत्रक डॉ मधुसूदन झा ने बताया कि चार दिनों […]
भागलपुर: बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर में मूल्यांकन कार्य में हुई देरी का खामियाजा तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के बीएड, एमबीए व प्रीपीएचडी के छात्र भुगत रहे हैं. काफी जद्दोजहद के बाद बुधवार को एमबीए का मार्क्स पहुंचा.
उत्तरपुस्तिकाएं अभी भी बिहार यूनिवर्सिटी में ही पड़ी हैं. परीक्षा नियंत्रक डॉ मधुसूदन झा ने बताया कि चार दिनों के अंदर एमबीए का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया जायेगा. रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि एफआइआर करने की चेतावनी देने के बाद बिहार यूनिवर्सिटी ने पांच जून से मूल्यांकन शुरू किया. रिजल्ट के लिए प्रतिदिन उक्त तीनों कोर्सो के छात्र विश्वविद्यालय आने के बाद निराश होकर लौट जाते हैं. उनकी समस्या सुनने के बाद भी विश्वविद्यालय के अधिकारी कुछ बोल नहीं पाते हैं.
कुलपति डॉ एनके वर्मा ने बताया कि किसी भी उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन की अधिकतम समयसीमा 21 दिन होती है. बीएड, एमबीए व प्रीएचडी की उत्तरपुस्तिका भेजे हुए ढ़ाई महीने से अधिक हो गये. यह तो एक तरह का क्राइम है. उन्होंने बताया कि छात्रों की समस्या को देखते हुए कभी-कभी इच्छा तो यह होती है कि मूल्यांकन में अब अधिक विलंब हो, तो बिहार यूनिवर्सिटी पर एफआइआर कर दें. बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में कॉपियां भेजे हुए तकरीबन ढाई माह से अधिक हो चुके हैं.
पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो अरुण कुमार ने तीनों कोर्सो की कॉपियां भेजने के बाद फाइल में यह लिखा ही नहीं था कि कॉपियां कहां भेजी. इसके कारण विश्वविद्यालय यह पता नहीं लगा पा रहा था कि कॉपियां कहां हैं. प्रो कुमार के बाद डॉ एनके वर्मा दूसरे कुलपति के रूप में नियुक्त किये गये. फिर काफी मशक्कत व प्रो अरुण कुमार से बात करने के बाद यह पता चल पाया कि कॉपियां मुजफ्फरपुर में बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में हैं. इसके समन्वयक विवि के विकास पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार राय बनाये गये हैं.