* सुप्रीम कोर्ट के जज ने किया श्री कृष्ण झा की प्रतिमा का अनावरण, कहा
भागलपुर : सीनियर अधिवक्ता अपने जूनियर अधिवक्ताओं को प्रैक्टिस के दौरान सिर्फ हाजिरी फॉर्म भरवाने तक सीमित ना रखें बल्कि उन्हें मुकदमे के बहस में हिस्सा लेने के लिए भी आगे बढ़ायें. आनेवाले दिनों में यही जूनियर अधिवक्ता आपके लिए मजबूत स्तंभ बनेंगे. ये आगे बढ़ेंगे तो सीनियर अधिवक्ता अपने आप में गर्व महसूस करेंगे.
ये बातें शनिवार को जिला विधिज्ञ संघ के प्रांगण में वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण झा की प्रतिमा का अनावरण करने आये सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु ज्योति मुखोपाध्याय ने कही. उनके साथ उच्च न्यायालय पटना के भी पांच न्यायाधीश थे.
* उन्होंने भी श्रीकृष्ण बाबू के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. जस्टिस श्री मुखोपाध्याय ने कहा कि श्री कृष्ण झा ने हमेशा अधिवक्ता को आगे बढ़ाने व ज्ञान बांटने का काम किया. उन्होंने कहा कि मैं जब अधिवक्ता था तो सिविल मामलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, जब जज बना तो इसके बारे में सभी जानकारी प्राप्त की.
आज मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि एक महान ज्ञान पुरुष की प्रतिमा का अनावरण कर रहा हूं. उन्होंने कहा भागलपुर एसोसिएशन की अपनी पहचान है. न्यायमूर्ति श्री मुखोपाध्याय ने कहा कि यहां के जर्दालू आम की महक देश के कोने-कोने में है. यहां के सिल्क का महत्व विदेशों में भी है.
* श्री कृष्ण झा के बताये रास्ते पर चलें अधिवक्ता
इस मौके पर उच्च न्यायालय पटना के न्यायमूर्ति शैलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि श्री कृष्ण झा एक कुशल अधिवक्ता के साथ ज्ञान के धनी व्यक्ति थे. उनके परिवार के सदस्य सुप्रीम व हाइ कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे है. अधिवक्ता श्री कृष्ण झा के बताये रास्ते पर चलें. न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे ने कहा कि श्री कृष्ण झा ने भागलपुर न्यायालय से ही अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी. वे सरकार की ओर से अधिवक्ता रहे. उन्होंने हमेशा अधिवक्ताओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
न्यायमूर्ति दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा कि श्रीकृष्ण झा के अच्छे अधिवक्ता के साथ एक कुशल वक्ता भी थे. उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस के दौरान अपनी एक अलग पहचान बनायी. न्यायमूर्ति मिहिर कुमार झा ने कहा कि भागलपुर बार एसोसिएशन की अपनी पहचान है. उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण बाबू व्यक्तित्व के धनी थे.
न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी ने भागलपुर बार एसोसिएशन के सीनियर अधिवक्ताओं से अनुरोध है कि वे अपने ज्ञान को जूनियर अधिवक्ताओं के बीच बांटें. उन्होंने जूनियर अधिवक्ताओं से भी कहा कि वे हमेशा सीनियर अधिवक्ताओं की बातों पर ध्यान दें.
* सिविल गुरु के नाम से जाने जाते थे श्री कृष्ण झा
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए स्टेट बार काउंसिल उपाध्यक्ष कामेश्वर पांडे ने कहा कि श्री कृष्ण बाबू ने 1962 में अपना पंजीयन कराया. 1974 में वे जीपी बने. 76 में वे वरीय अधिवक्ता बने. एक कुशल अधिवक्ता के रूप में सबके बीच लोकप्रिय रहे. अपने 56 साल के प्रैक्टिस के दौरान वे हमेशा हमलोगों के मार्गदर्शक बने रहे. वे सिविल गुरु के नाम से जाने जाते थे. तदर्थ कमेटी के अध्यक्ष सत्यनाराण प्रसाद ने समारोह की अध्यक्षता की. मंच का संचालन महासचिव रत्नेश कुमार मिश्र ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता रुद्र नारायण झा ने किया. इस मौके श्रीकृष्ण झा के पुत्र आशुतोष झा, अनिल झा, आलोक प्रिय झा, बेटी नीलम झा व संगीता झा के अलावा जिला विधिज्ञ संघ के उपाध्यक्ष कौशल किशोर पांडे, ट्रेजरर जवाहर प्रसाद, सदस्य अधिवक्ता राम शरण सिंह, सत्यानंद शर्मा, भोला मंडल, जय प्रकाश यादव व्यास, आनंद किशोर सिंह, अंजनी कुमार, मो ताहिर सहित कई अधिवक्ता उपस्थित थे.