कृषि में ईंधन संरक्षण पर प्रशिक्षण जागरूकता कार्यक्रम

फोटो- नवगछिया में केवीके सबौर प्रतिनिधिसबौर : कृषि क्षेत्र में विकास को देखते हुए लगता है कि आनेवाले समय में पूरी तरह यांत्रिक कृषि होगी. यंत्रों के संचालन में ईंधन एक प्रमुख अंग है. आज जिस तेजी ईंधन का मूल्य बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए कृषि में ईंधन संरक्षण विषय के महत्व पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2014 9:03 PM

फोटो- नवगछिया में केवीके सबौर प्रतिनिधिसबौर : कृषि क्षेत्र में विकास को देखते हुए लगता है कि आनेवाले समय में पूरी तरह यांत्रिक कृषि होगी. यंत्रों के संचालन में ईंधन एक प्रमुख अंग है. आज जिस तेजी ईंधन का मूल्य बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए कृषि में ईंधन संरक्षण विषय के महत्व पर प्रशिक्षण किसानों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा. ये बातें जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार यादव ने सोमवार को भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा केवीके सबौर में कृषि में ईंधन संरक्षण विषय पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम में कहीं. केवीके के कार्यक्रम समन्वयक डॉ विनोद कुमार ने कृषि यांत्रिकीकरण के महत्व व लाभ पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर संयुक्त निदेशक पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ के शील प्रियम, पटना केंद्र की वैज्ञानिक अनिता कुमारी, डॉ ममता कुमारी, डॉ संजीव कुमार, डॉ जियाउल होदा, डॉ मौर्य आदि उपस्थित थे.ऐसे करें ईंधन की बचत ईं पंकज कुमार एवं डॉ सनोज कुमार विशेषज्ञ (कृषि अभियंत्रण) ने किसानों को बताया कि डीजल पंप सेट से अधिक चौड़ा मुंह वाला वाल्व का प्रयोग कर 10 प्रतिशत तक डीजल की बचत की जा सकती है.

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