भागलपुर: तातारपुर स्थित मदनी मुसाफिरखाना में जमीअते उलेमा भागलपुर चुनाव के दौरान जम कर हंगामा हो गया. महासचिव पद को लेकर दो उम्मीदवारों के समर्थक आपस में भिड़ गये. देखते ही देखते मुसाफिरखाना रणक्षेत्र में तब्दील हो गया.
चुनाव कराने पटना से आये संगठन के अधिकारी मौलाना हुसैन अहमद कादरी किसी तरह जान बचा कर वहां से निकल गये. घटना की सूचना पाकर तातारपुर थानाध्यक्ष संजय विश्वास ने मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराया. हंगामा से पूर्व जमीअते उलेमा भागलपुर चुनाव में मौलाना मतीउर्रहमान को जिलाध्यक्ष और मौलाना फारूक, डॉ मो आफाक, अली अशरफ सिद्दिकी व हैदर कमाल बादशाह को उपाध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया जा चुका था. इसके अलावा मौलाना इबनुल हसन को संगठन का महासचिव बनाया गया.
क्या है घटना क्रम
चुनाव के दौरान महासचिव के पद के लिए मौलाना इबनुल हसन के नाम पर लोगों ने अपनी सहमति जतायी. इसके बाद महासचिव पद के अन्य उम्मीदवार मौलाना जाहिद हलीमी के समर्थक और मौलाना इबनुल हसन के समर्थक भिड़ गये.
मौलाना जाहिद के समर्थकों का आरोप था कि मजलिसे मूनतजीमा के सदस्य को महासचिव चुनाव से दूर रखकर चुपके से चुनाव करा लिया गया. इसकी खबर तक लोगों को नहीं दी गयी. जब लोग चुनाव में भाग लेने गये, तो पता चला कि मो इबनुल को महासचिव मनोनीत किया गया है. यह सारी प्रक्रिया चुनाव कराने पटना से आये पर्यवेक्षक हुसैन अहमद कादरी की देखरेख में हुई है.
महासचिव के लिए दोबारा चुनाव हो. इधर, मौलाना इबनुल हसन के समर्थकों ने बताया कि महासचिव के पद पर मौलाना इबनुल को चुना गया. इस पर मौलाना जाहिद के समर्थक हंगामा करने लगे व दोबारा चुनाव कराने की मांग करने लगे. जबकि चुनाव साफ तरीके से कराया गया था. इसका विरोध करने पर मामला गरमा गया. देखते ही देखते हाथापाई शुरू हो गयी. तातारपुर थाना की पुलिस ने पहुंच कर मामला को शांत कराया. हंगामा देख चुनाव कराने आये अधिकारी हुसैन अहमद कादरी चुनाव प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ पटना के लिए रवाना हो गये. ऐसे में कई पदों के लिए चुनाव नहीं हो पाया.