अंधेरे से दोस्ती बनी मजबूरी

भागलपुर: आपातकालीन स्थिति से निबटने में बिजली विभाग अक्षम है. ब्रेक डाउन, इंश्यूलेटर पंक्चर या फिर आपूर्ति लाइन में फॉल्ट आने जैसी स्थिति में घंटों गुजर जाते हैं, शहर की आपूर्ति बाधित रहती है. दरअसल, एक विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति लाइन दूसरे से या एक फीडर की आपूर्ति लाइन दूसरे फीडर से कनेक्ट नहीं है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

भागलपुर: आपातकालीन स्थिति से निबटने में बिजली विभाग अक्षम है. ब्रेक डाउन, इंश्यूलेटर पंक्चर या फिर आपूर्ति लाइन में फॉल्ट आने जैसी स्थिति में घंटों गुजर जाते हैं, शहर की आपूर्ति बाधित रहती है. दरअसल, एक विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति लाइन दूसरे से या एक फीडर की आपूर्ति लाइन दूसरे फीडर से कनेक्ट नहीं है. इस वजह से क भी भी फॉल्ट आने पर ठीक होने तक दूसरे विद्युत उपकेंद्र या फिर फीडर से बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकती है.

संचरण लाइन में गड़बड़ी आते ही बिजली गायब
कहलगांव से सबौर ग्रिड जानेवाली संचरण लाइन में गड़बड़ी आ जाये, तो भागलपुर अंधेरे में डूब जायेगा. अलग से भागलपुर के लिए दूसरे संचरण लाइन की कनेक्टिविटी नहीं है. लखीसराय के रास्ते से जो कनेक्टिविटी है, भागलपुर के लिए बहुत कारगर नहीं है.

शहर में बरारी विद्युत उपकेंद्र ब्रेक डाउन हो जाये, तो मायागंज विद्युत उपकेंद्र के साथ-साथ सेंट्रल जेल विद्युत उपकेंद्र की भी आपूर्ति ठप हो जायेगी. मायागंज व सेंट्रल जेल बरारी विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति लाइन पर है. इन तीनों की आपूर्ति ठप होने पर दूसरे विद्युत उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति नहीं हो सकती है. शहर में विद्युत उपकेंद्रों का एक-दूसरे के आपूर्ति लाइन से कनेक्टिविटी नहीं है.

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