वार्ड के मरीजों को सिहराते हैं टूटी खिड़कियां

फोटो – मनोज – जेएलएनएमसीएच के कई वार्डों की खिड़कियां टूटी, ठंडी हवाओं के बीच रहने को मजबूर हैं मरीज वरीय संवाददाता, भागलपुर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के मरीजों को ठंडी हवाओं से सीधे तौर पर दो-चार होना पड़ रहा है. अस्पताल के विभिन्न वार्डों की खिड़कियां टूटी हुई है और सर्द रात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2014 9:03 PM

फोटो – मनोज – जेएलएनएमसीएच के कई वार्डों की खिड़कियां टूटी, ठंडी हवाओं के बीच रहने को मजबूर हैं मरीज वरीय संवाददाता, भागलपुर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के मरीजों को ठंडी हवाओं से सीधे तौर पर दो-चार होना पड़ रहा है. अस्पताल के विभिन्न वार्डों की खिड़कियां टूटी हुई है और सर्द रात में इस ठंडी हवा वार्ड में आती हैं. मरीजों का कहना है कि रात को वे अपने स्तर से कपड़ा, अखबार आदि से इसे ढंकने का प्रयास भी करते हैं, लेकिन हवाओं के जोर में अकसर ये बेकार साबित होती हैं. सोमवार को स्त्री एवं प्रसूता वार्ड के अलावा मेडिकल वार्ड, इमरजेंसी सहित कई वार्डों की खिड़कियां टूटी मिलीं. लोहे के फ्रेम में लगाया गया कई शीशा टूटा हुआ है. उससे ठंडी हवाएं सीधे वार्ड में प्रवेश कर जाती है. यही नहीं इससे मच्छरों का भी प्रकोप वार्ड में काफी बढ़ गया है. स्त्री एवं प्रसूता वार्ड में भरती तारापुर, संग्रामपुर की पूनम देवी, कांति देवी के बेड की पासवाली खिड़की पूरी तरह से टूटी हुई थी. उन्होंने बताया कि दिन भर कोई खास परेशानी नहीं होती, लेकिन रात होते ही ठंडी हवा सताने लगती है. यही नहीं खिड़की के बाहर गंदगी की भी भरमार है, जिससे मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ जाता है. पहले तल पर स्थित मेडिकल वार्ड की भी अधिकांश खिड़कियों में शीशे नहीं हैं. बांका से आये मरीज के परिजन राम किशन ने बताया कि रात को इस टूटी खिड़की से ठंडी हवाओं के आने के कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है. खासकर बुखार से पीडि़त मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से जल्द से जल्द टूटी खिड़कियां ठीक कराने की मांग की है.

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