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बस शेल्टर बनाने के लिए 20 लाख दिया था एडवांस, सुविधा से अभी भी वंचित है स्मार्ट सिटी भागलपुर

पब्लिक द्वारा टैक्स के रूप में दिये गये पैसों से सरकार शहर को स्मार्ट बनाने में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है.

– खरीद की गयी बस शेल्टर पांच साल बाद भी शहर के किसी कोने में नहीं दे रही है दिखायी, इंस्टॉल करता तो सदुपयोग होता- साल 2019 में जांच में पायी गयी थी कि भंडार पंजी में नहीं की गयी है इंट्री, गोपालगंज की एजेंसी ने की थी आपूर्ति

– इंस्टॉलेशन नहीं होने के संबंध में सीएफओ द्वारा सूचित किया गया था कि स्थल निरीक्षण रिपोर्ट अप्राप्त हैवरीय संवाददाता, भागलपुर

पब्लिक द्वारा टैक्स के रूप में दिये गये पैसों से सरकार शहर को स्मार्ट बनाने में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. इन पैसों से शहर में की जाने वाली कई व्यवस्थाएं तो हुई, लेकिन कुछ ऐसी भी योजनाएं हैं, जो सिर्फ प्लानिंग में रह गयीं. धरातल पर न तो उतर सही और न ही उसका सदुपयोग हो पाया. इनमें से एक स्मार्ट बस शेल्टर की भी योजना शामिल है. स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा प्लानिंग की गयी थी. एजेंसी को एडवांस भी दिया था. एजेंसी ने बस शेल्टर की आपूर्ति भी करा दी. अंतिम बिल भी दे दिया था. बावजूद, यह शहर में स्थापित नहीं हो सका. इसकी क्या वजह रही होगी, यह तो स्मार्ट सिटी कंपनी, भागलपुर ही बात सकती है, लेकिन जांच रिपोर्ट यह बता रहा है कि चेक संख्या 928854 द्वारा 20 लाख रुपये गोपालगंज के अमर इन्टरो को बस शेल्टर की आपूर्ति के लिए अग्रिम राशि दी गयी थी. भंडार पंजी में आपूर्ति की प्रविष्टि नहीं की गयी है. साल 2019 में आपूर्ति बस शेल्टर का इंस्टॉलेशन नहीं हुआ था. पांच साल बाद भी यह शहर के किसी कोने में दिखायी नहीं दे रही है. वेंडर अमर इंटरो द्वारा आपूर्ति सामग्री नगर निगम भागलपुर को प्राप्त कराने संबंधी पत्र संचिका में संलग्न पायी गयी है. एडवांस राशि देने के संबंध में तत्कालीन सीइओ द्वारा प्रस्ताव संचिका में अंकित किया गया है. इंस्टॉलेशन नहीं होने के संबंध में तब सीएफओ द्वारा सूचित किया गया था कि स्थल निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त नहीं है.

उठ रहे सवाल :

स्मार्ट सिटी कंपनी की कार्यशैली से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. अगर एडवांस राशि 20 लाख रुपये थी, तो खरीद कितनी राशि से हुई होगी. कितने जगहों के लिए कितने बस शेल्टर की आपूर्ति वेंडर द्वारा की गयी थी. आपूर्ति बस शेल्टर अभी है और सामान किस स्थिति में है. खरीदने से पूर्व स्थल का निरीक्षण और इसकी रिपोर्ट क्यों नहीं तैयार हो सकी थी.

बॉक्स मैटर

पांच ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टर मशीन की खरीद के लिए 20 लाख का दिया था एडवांस

साल 2019 से पहले स्मार्ट सिटी कंपनी ने पांच ऑर्गेनिक कंपोस्टर मशीन की खरीद की योजना थी. एनियाज इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवे लिमिटेड को 20 लाख एडवांस भी दिया गया था. क्रय समिति द्वारा प्रति मशीन 19 लाख रुपये का दर निर्धारण किया गया था. पांच मशीन क्रय करने का कार्यादेश दिया गया था, लेकिन संवेदक द्वारा दो मशीन की ही आपूर्ति की थी. भंडार पंजी में भी आपूर्ति मशीन की इंट्री नहीं पायी गयी थी. जांच टीम ने कहा था कि नियमानुसार सभी आपूर्ति सामग्री को भंडारपाल द्वारा इंट्री करनी चाहिए थी. दिलचस्प बात यह है कि तब कंपोस्टर मशीन का अंतिम बिल नहीं आया था. सवाल यह उठ रहा है कि बाकी तीन मशीन की आपूर्ति हुई है या नहीं. संवेदक को फुल पेमेंट दिया गया है या नहीं. इस मशीन से खाद कितना बन रहा है. ऐसे सवाल जब स्मार्ट सिटी के सीजीएम संदीप कुमार और पीआरओ पंकज कुमार के सामने रखे गये तो दोनों ने इस संबंध में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी.

स्मार्ट सिटी कंपनी के सीजीएम और पीआरओ से पूछे गये सवाल का नहीं मिला जवाब

सवाल-1 :

साल 2019 से पहले गोपालगंज के अमर इन्टरो नामक एजेंसी को बस शेल्टर के लिए 20 लाख एडवांस दिये गये थे. उन्होंने आपूर्ति भी की थी. तब उसका अधिष्ठापन नहीं हुआ था. अधिष्ठापन नहीं होने की क्या वजह रही थी?

सवाल-2 :

20 लाख अग्रिम भुगतान था, तो खरीद की पूरी राशि कितनी थी और कितने बस शेल्टर की खरीद हुई थी?

सवाल-3 :

ऑर्गेनिक वेस्ट कंपोस्टर मशीन के लिए भी 20 लाख रुपये एडवांस एनियाज नामक कंपनी को दी गयी थी. पांच मशीनों की खरीद का कार्यादेश था. मशीन की आपूर्ति भी हुई थी. अब वह मशीन कहां है और किस हाल में है?

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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