जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी व वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने गुरुवार को समीक्षा भवन में नीलामपत्र वाद व भूमि विवाद को लेकर बैठक की. निर्देश दिया गया कि गिरफ्तार बकायेदार से नीलामपत्र वाद के प्रावधान के अनुरूप 30 प्रतिशत बकाया राशि वसूली के बाद ही उसे छोड़ें. बताया गया कि नीलामपत्र वाद के 20,000 मामले लंबित हैं. इनमें 19,000 मामले बैंकों से संबंधित हैं. इनमें से 1251 मामलों का ही सत्यापन कराया गया है. थानावार नीलामपत्र वाद के लंबित वारंट की समीक्षा की गयी. एसबीआइ व डीबीजीबी के प्रतिनिधि ने जानकारी दी कि कई थानों द्वारा बड़े बकायेदारों को गिरफ्तार कर बड़ी राशि की वसूली करायी गयी है.
बकाया राशि जमा होने पर सूची से कट जायेगा नाम
डीएम ने बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि बकायेदार से राशि की वसूली की जा चुकी मामलों को बकायेदारों की लिस्ट में लाल कलम से काट दी जाये. साथ ही संबंधित मामलों के कोर्ट फीस व तलवाना राशि जमा कर दी जाये, ताकि उन्हें नीलामपत्र वाद की सूची से हटाया जा सके. जिला नीलामपत्र पदाधिकारी ने कहा कि कोर्ट फी बकाये का आठ प्रतिशत व तलवाना शुल्क प्रति मामले 27 रुपए देय है. अग्रणी बैंक प्रबंधक ने कहा कि इसके लिए बैंकों में अलग-अलग मद उपलब्ध हैं. इन राशियों के भुगतान करने में बैंकों को कोई परेशानी नहीं है.मामले का निष्पादन तेज करने का निर्देश
सभी नीलामपत्र पदाधिकारियों को लंबित मामलों का निष्पादन तेजी से कराने का निर्देश दिया गया. इस मौके पर सभी एसडीओ को प्रत्येक सप्ताह में एक दिन नीलामपत्र वाद के मामलों की थानावार समीक्षा करने का निर्देश दिया गया.
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