शहर के कारोबार पर एनआरआइ का कब्जा

भागलपुर: एनआरआइ का मतलब होता है अप्रवासी भारतीय, लेकिन भागलपुर के कारोबार जगत में एनआआइ शब्द का मतलब है भागलपुर आसपास के इलाके और बाहर से आ कर यहां कारोबार करने वाले कारोबारी. कई कारोबारी तो ऐसे हैं जिनका खास-खास व्यवसाय पर एकछत्र राज है. रियल स्टेट के कारोबार में सबसे अधिक भागीदारी इन्हीं एनआरआइ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:54 PM

भागलपुर: एनआरआइ का मतलब होता है अप्रवासी भारतीय, लेकिन भागलपुर के कारोबार जगत में एनआआइ शब्द का मतलब है भागलपुर आसपास के इलाके और बाहर से आ कर यहां कारोबार करने वाले कारोबारी. कई कारोबारी तो ऐसे हैं जिनका खास-खास व्यवसाय पर एकछत्र राज है. रियल स्टेट के कारोबार में सबसे अधिक भागीदारी इन्हीं एनआरआइ का है.

वैसे तो हर को कारोबार करने और उसे आगे बढ़ाने का हक है, लेकिन इन दिनों यहां का रियल स्टेट का कारोबार अधिक सुर्खियों में है. पिछले दिनों ओम बाबा की हत्या का भी तार रियल स्टेट के कारोबार से ही जुड़ा है. बातचीत में यहां के कारोबारी कहते हैं कि वर्षो पहले लोग बाहर से आ कर बसे और अपना कारोबार जमाया. उसमें कई लोग विभिन्न कारणों से पिछले दो दशक में यहां से पलायन कर सूरत, बंगलूरू, इंदौर कोलकता सहित अन्य जगहों पर जा कर अपना कारोबार जमाया. पिछले तीन दशक के दौरान जहां यहां से कई कारोबारी गये, वहीं भागलपुर आसपास के क्षेत्र से लोग भागलपुर आये और अपना कारोबार जमाया.

कई लोगों ने रियल स्टेट के कारोबार में अपना पांव मजबूती से जमा लिया. कई कारोबारी कहते हैं कि यही एनआरआइ रातोंरात अमीर बनने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने में पीछे नहीं रहते. तीन साल पहले आयकर कार्यालय में हुई चोरी के मामले में भी इस तरह के कुछ एनआरआइ पर शक की सुई घुमी थी. रियल स्टेट का कारोबार अभी चरम पर है, इसलिए अन्य क्षेत्र के कारोबारी,अधिकारी, राजनेता, जनप्रतिनिधि सभी इस कारोबार में कूद गये हैं. अपने रसूख के बल पर विवादित जमीन को औने-पौने दाम में खरीदते हैं और फिर उसमें अच्छी कमाई करते हैं.

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