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किराये के वाद्य यंत्र से सिखाते हैं संगीत

भागलपुर : पीजी का संगीत विभाग जहां से सुर के फनकार शिक्षा लेकर देश में नाम कमाते हैं, यह विभाग वाद्य यंत्र की समस्या से जूझ रहा है. यहां के विद्यार्थी कई उच्च पदों पर कार्यरत हैं और कला व संगीत के क्षेत्र में काफी नाम कमा रहे हैं. आज यह विभाग अपने तानसेनों की […]

भागलपुर : पीजी का संगीत विभाग जहां से सुर के फनकार शिक्षा लेकर देश में नाम कमाते हैं, यह विभाग वाद्य यंत्र की समस्या से जूझ रहा है. यहां के विद्यार्थी कई उच्च पदों पर कार्यरत हैं और कला व संगीत के क्षेत्र में काफी नाम कमा रहे हैं.

आज यह विभाग अपने तानसेनों की संगीत की धार को मजबूत करने के लिए जूझ रहा है. विभाग में कुल 15 वाद्य यंत्र हैं जिसमें अधिकतर वाद्य यंत्र खराब हो चुके हैं. इसकी कमी को पूरा करने के लिए किराये पर वाद्य यंत्र मंगाये जा रहे हैं. इसके अलावा विभाग के पास कई वाद्य यंत्रों के शिक्षक भी उपलब्ध नहीं हैं.

इसके प्रशिक्षण के लिए छात्र-छात्राओं किसी रिटायर्ड शिक्षक के पास जाना पड़ता है. इस विभाग में सृजित शिक्षकों के पदों की संख्या चार है जिसमें अभी दो ही कार्यरत हैं. एक तबला वादक है लेकिन, विभाग को एक और की जरूरत है.

* हॉल के अभाव में नहीं हो पाती है प्रायोगिक परीक्षा
स्वर को मांझने के लिए महीने में एक बार प्रायोगिक परीक्षा या स्टेज परफॉर्मेस की जरूरत होती है. लेकिन, विभाग को थियेटर नहीं है जिसमें ऐसी कक्षा का आयोजन हो. इस कारण विभाग के छात्र इससे वंचित हो जाते हैं. कभी-कभी किसी तरह कक्षा में ही चौकी लगा कर स्टेज परफार्मेस कराया जाता है.

* क्लास रूम की हालत भी है जजर्र
इस विभाग में 12-13 क्लास रूम तो हैं पर सभी जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं. कुछ कमरे में अंधेरा रहता है. विभाग को लेर थियेटर की कमी है. ऐसे कमरे हैं जिसमें कक्षा नहीं लिया जा सकता है. इस कारण क्लास लेने में काफी कठिनाई होती है. इसके अलावा स्टूडेंट को बेंच डेस्क की कमी से भी जूझना पड़ता है. क्योंकि वो भी पर्याप्त नहीं है. अभी इस विभाग में 27 स्टूडेंट हैं व 12-13 शोधार्थी हैं.

* पुस्तकालय में नहीं हैं उपयोगी पुस्तकें
संगीत विभाग के पुस्तकालय में अधिकांश पुस्तकें विद्यार्थियों के किसी काम के नहीं हैं. इस संबंध में विभागध्यक्ष का कहना है, जब भी विश्व विद्यालय से पुस्तकें भेजी जाती हैं वो उन्हीं के हिसाब से भेजा जाता है. लड़कियों को बैठने के लिए कॉमन रूम की व्यवस्था भी नहीं है.

* कहती हैं विभागाध्यक्ष
विभागाध्यक्ष डॉ किरण सिंह कहती हैं, संगीत के विभाग को संवारने की जरूरत है. इससे अंग क्षेत्र के कई फनकार निकल कर गायन के क्षेत्र में शोहरत पा रहे हैं. सारी समस्याओं का अगर निबटारा हो जाये तो विभाग की कमी पूरी हो जायेगी.

* वाद्य यंत्रों की समस्या से जूझ रहा है संगीत विभाग
* विभाग के पास नहीं है वाद्य यंत्र की मरम्मत के लिए राशि
* हॉल नहीं होने के कारण प्रायोगिक कक्षा लेने में परेशानी

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