परंपरा व लोक संस्कृति के रंग में भींगे लोग
-आदि बिंब कार्यक्रम में देश के नामचीन लोक कलाकारों ने लिया हिस्साफोटो नंबर : आशुतोष जीसंवाददाता, भागलपुरटाउन हॉल में सोमवार को पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता की ओर से जब बिहार की लोक एवं जनजातीय कलाओं का महोत्सव आदि बिंब का शुभारंभ हुआ तो ऐसा लगा मानो देश की विविध लोक संस्कृति व परंपरा एक […]
-आदि बिंब कार्यक्रम में देश के नामचीन लोक कलाकारों ने लिया हिस्साफोटो नंबर : आशुतोष जीसंवाददाता, भागलपुरटाउन हॉल में सोमवार को पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता की ओर से जब बिहार की लोक एवं जनजातीय कलाओं का महोत्सव आदि बिंब का शुभारंभ हुआ तो ऐसा लगा मानो देश की विविध लोक संस्कृति व परंपरा एक ही छत के नीचे एक -दूसरे में समाहित होने को आतुर हो. प्रशाल में उपस्थित दर्शक परंपरा व लोक संस्कृति से भींगे बिना नहीं रह सके. महोत्सव में जाट-जाटिन, बाहुरा गोढि़न लोक नाट्य, रसन चौकी, झारखंड का लोक नृत्य दसाय, उत्तरप्रदेश का पारंपरिक गायन विरहा, असम का लोक नृत्य बिहू आदि की प्रस्तुति हुई. कटिहार से रंगकर्मी भगवान प्रलय के नेतृत्व में आयी मंडली के बाल कलाकारों ने अंगिका भाषा में कोसी मछुआ गीत, जाट-जाटिन आदि पर नृत्य प्रस्तुत किया. इसमें गायक सुरेश सुकोमल, नाल वादक सचिन, गायिका झूना, काजल, स्तुति, ईशा, छाया, नेहा, ऋतु, कृतिका, रोजी, स्वीटी, राजा, सत्यम, विजय, सन्नू आदि का योगदान रहा. बेगूसराय से सरस्वती लोक नाट्य जत्था की ओर से गजेंद्र यादव के संचालन में जादू-टोना व तंत्र-मंत्र पर आधारित लोक नाट्य बहुरा गोढि़न का मंचन किया गया. बनारस के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर विरहा गायक डॉ मनु यादव के संचालन में छह लोगों ने विरहा गाया. मालूम हो डॉ यादव को भारत सरकार की ओर से 2007 में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां अवार्ड से सम्मानित किया गया. वे 2010 में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित लोक संगीत प्रतियोगिता के विजेता रहे.