संतोष व शंकर से पूछताछ
भागलपुर: ओम बाबा हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए गठित पुलिस टीम की तहकीकात कई बिंदुओं पर सोमवार को भी जारी रही. सोमवार को मेयर दीपक भुवानियां से पुलिस पूछताछ नहीं हुई. उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस ने बुधवार को कोतवाली थाना बुलाया है. दूसरी ओर पार्षद संतोष कुमार व पूर्व पार्षद शंकर पोद्दार […]
भागलपुर: ओम बाबा हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए गठित पुलिस टीम की तहकीकात कई बिंदुओं पर सोमवार को भी जारी रही. सोमवार को मेयर दीपक भुवानियां से पुलिस पूछताछ नहीं हुई. उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस ने बुधवार को कोतवाली थाना बुलाया है.
दूसरी ओर पार्षद संतोष कुमार व पूर्व पार्षद शंकर पोद्दार से पुलिस ने घंटों पूछताछ की. बता दें कि पुलिस से नोटिस मिलने के बाद व्यवसायी संजय कौशिक उर्फ संजू भी थाना पहुंचे थे, लेकिन समयाभाव के कारण उनसे पूछताछ नहीं की जा सकी. इधर पवन डालूका व कन्हैया सरावगी की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट में कोई अर्जी पुलिस की ओर से नहीं दी गयी.
बाबा के मौत की सूचना पर गये थे : वार्ड नंबर 51 के पार्षद संतोष कुमार ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उन्हें ओम बाबा के निधन की सूचना मेयर दीपक भुवानियां ने मोबाइल पर दी थी. वे बाबा के मरने की सूचना मिलते ही बिना सोचे समङो वहां पहुंच गये थे. सामाजिक जीवन जीने के कारण वे पोस्टमार्टम हाउस भी गये थे. उन्होंने बताया कि वे बाबा की मौत को स्वाभाविक मौत समझ रहे थे. बाबा को देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि उनकी मौत स्वाभाविक ही हुई है. मेयर सहित बाबा को जानने वाले लोग भी बाबा की मौत का कारण अत्यधिक शराब का सेवन ही बता रहे थे. उन्होंने बताया कि वे ओम बाबा को कई वर्षो से जानते थे.
पूर्व पार्षद प्रमोद लाल ने बाबा से मिलवाया था. वह पर्व त्योहार के मौके पर बाबा से मिलने जाते रहे हैं. इस बीच जब उन्हें सूचना मिली कि बाबा की मौत हो गयी है तो वे अपने को रोक नहीं पाये और घटनास्थल पर पहुंच गये. उन्होंने कहा कि बाबा की वर्तमान जीवन सामाजिक थी. वे अक्सर गेरुआ वस्त्र पहनते थे.
—-मोहल्ले के लोगों की सूचना पर पहुंचे थे पूर्व पार्षद
पूर्व पार्षद शंकर पोद्दार ने कहा कि बाबा की मौत की सूचना मोहल्ले के लोगों के बीच फैल गयी थी. स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि बाबा की मौत हो गयी है. उनके शव के अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ जमा हो गयी थी. उन्होंने बताया कि बाबा को वे 20-25 वर्षो से जानते थे, इसलिए वे वहां पहुंचे थे.
—-..तो नहीं होती बाबा की हत्या
कोतवाली थानाध्यक्ष सह कांड के अनुसंधानकर्ता अमर नाथ तिवारी की माने तो ओम बाबा की गली के लोग खुल कर इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस की मदद नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिस रात बाबा की हत्या हुई उस रात बाबा के चहेतों ने सब कुछ अपनी आंखों से देखा था. पवन डालुका व कन्हैया सरावगी से बाबा का तू-तू, मैं-मैं हो रहा था. बाबा को जानने वाले इस दृश्य को देखकर आपस में ही बातचीत कर रह गये. बाबा के चहेते कहे जाने वाले लोगों ने पुलिस को सूचना देने की जरूरत महसूस नहीं की.
—- टाटा सूमो से आये थे अपराधी
जिस रात बाबा की हत्या हुई थी उस रात बाबा से मिलने पांच-छह लोग कमरे में गये थे. संभवत: उन्हीं लोगों ने बाबा की हत्या की है. वे भाड़े के अपराधी थे. उन अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस मोबाइल नेटवर्क को आधार बना कर चल रही है. गली का एक व्यक्ति बाबा की हत्याकांड के संबंध में पुलिस को बताया है कि उस रात पवन डालुका व कन्हैया सरावगी बाबा के कमरे में गये थे. इसी दौरान टाटा सूमो से आये अपराधियों ने बाबा की हत्या की थी.
कोट :-
कई बिंदुओं पर जांच चल रही है. अभी और कई लोगों से पूछताछ की जानी है. समयाभाव के कारण मेयर को बुधवार को थाना बुलाया गया है. हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया जायेगा.
बीणा कुमारी, सिटी डीएसपी