बाल विवाह निषेध और हमारी भूमिका पर सोमिनार

कहलगांव. बाल विवाह पिछड़ेपन की निशानी है, अगड़ा बनना-बड़प्पन होना, बड़े में विवाह यानी सही उम्र में विवाह पिछड़ापन मिटाने के लिए आवश्यक है. यह संदेश परिधि द्वारा कागजी टोला काली घाट कहलगांव में आयोजित बाल विवाह निषेध और हमारी भूमिका पर आयोजित सेमिनार में दिया गया. वार्ड सदस्य योगेंद्र सहनी ने सेमिनार का संचालन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2014 10:01 PM

कहलगांव. बाल विवाह पिछड़ेपन की निशानी है, अगड़ा बनना-बड़प्पन होना, बड़े में विवाह यानी सही उम्र में विवाह पिछड़ापन मिटाने के लिए आवश्यक है. यह संदेश परिधि द्वारा कागजी टोला काली घाट कहलगांव में आयोजित बाल विवाह निषेध और हमारी भूमिका पर आयोजित सेमिनार में दिया गया. वार्ड सदस्य योगेंद्र सहनी ने सेमिनार का संचालन किया. सेमिनार में परिधि के कार्यक्रम समन्वयक ललन, प्रखंड समन्वयक गंगेश, समाजकर्मी (गंगा रक्षा मंच) मो अयाज, वीरेंद्र सहनी, बिजली सहनी, मंटू सहनी, पार्वती देवी, रेखा देवी, सीता देवी, ललित देवी, बबीता देवी आदि ने विचार रखे. सेमिनार के अंत में कागजी टोला के इस क्षेत्र को बाल विवाह मुक्त क्षेत्र बनाने का संकल्प लिया.

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