फुटपाथ विक्रेताओं का नहीं हुआ सर्वेक्षण
-फुटपाथी दुकानदारों ने किया दावा-सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देशसंवाददाता, भागलपुरअब तक जिले के शहरी फुटपाथी विक्रेता समिति में सदस्यों का मनोनयन, नगर निकाय की ओर से फुटपाथ विक्रेता दुकानदारों का सर्वेक्षण व निबंधन नहीं कराया गया. यह दावा शहर के फुटपाथी दुकानदारों का है. अतिक्रमण मुक्त अभियान में उजाड़े गये फुटपाथी दुकानदारों को अब […]
-फुटपाथी दुकानदारों ने किया दावा-सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देशसंवाददाता, भागलपुरअब तक जिले के शहरी फुटपाथी विक्रेता समिति में सदस्यों का मनोनयन, नगर निकाय की ओर से फुटपाथ विक्रेता दुकानदारों का सर्वेक्षण व निबंधन नहीं कराया गया. यह दावा शहर के फुटपाथी दुकानदारों का है. अतिक्रमण मुक्त अभियान में उजाड़े गये फुटपाथी दुकानदारों को अब भी आशा है कि यदि सर्वेक्षण व निबंधन कराया जाता तो स्थायी दुकान के लिए उन्हें जगह मुहैया करायी जायेगी. फुटपाथी दुकानदारों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत बिहार के मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक के पत्रांक 743 में 16 जुलाई को जिला पदाधिकारी को पत्र लिख कर शहरी फुटपाथ विक्रेता समिति का गठन करने का निर्देश दिया था. इस निर्देश का पालन चार माह के अंदर करना था, जबकि अब पांचवां महीना शुरू हो चुका है. इन समितियों में स्वयंसेवी संस्था, सामुदायिक संगठनों, फुटपाथ विक्रेता संगठन के प्रतिनिधि सदस्यों का मनोनयन संबंधित जिला पदाधिकारी द्वारा किया जाना था. फुटपाथी दुकानदारों के अनुसार यह अब तक नहीं कराया गया. तिलकामांझी चौक के फुटपाथी दुकानदार अजय कुमार, चुन्नी ठाकुर, दिनेश यादव, बबलू चौधरी, मिथिलेश कुमार, प्रमोद यादव, राजेश कुमार यादव, राजेश साह, राजकिशोर यादव आदि का कहना है कि उनकी दुकानें उजाड़ दी गयी. दुकानें उजाड़ने से उनकी आजीविका का साधन छिन गया है. उन्हें हटाया गया, इससे कोई दिक्कत नहीं, लेकिन बसाना भी सरकार व सरकारी पदाधिकारियों की ही जिम्मेदारी है.