सही तरीके से मिलता ग्रेस, तो हम न होते बेरोजगार

मुझे भी कुछ कहना है-शिक्षा विभाग की यह कैसी लापरवाहीबिहार विधान परिषद सत्र के दौरान बिहार प्राथमिक उर्दू व बंगला ( विशेष) परीक्षा 2013 के संबंध में मामला उठाया गया था कि उर्दू के कुछ प्रश्न गलत हैं. इस बाबत शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री से मिल कर यह निर्णय लिया था कि उर्दू टीइटी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2014 7:02 PM

मुझे भी कुछ कहना है-शिक्षा विभाग की यह कैसी लापरवाहीबिहार विधान परिषद सत्र के दौरान बिहार प्राथमिक उर्दू व बंगला ( विशेष) परीक्षा 2013 के संबंध में मामला उठाया गया था कि उर्दू के कुछ प्रश्न गलत हैं. इस बाबत शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री से मिल कर यह निर्णय लिया था कि उर्दू टीइटी के प्रथम पत्र में 10 अंक का ग्रेस और द्वितीय पत्र में 13 अंक का ग्रेस दिया जायेगा. अखबार के माध्यम से यह सूचना मिलते ही हम अभ्यर्थियों के मन में उम्मीद की किरण जगी थी, लेकिन विभाग के द्वारा जिस दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ग्रेस दिया गया, उससे हमारे जैसे कई अभ्यर्थी आहत हैं. शिक्षा विभाग ने किसी को एक-दो-तीन तो किसी को शून्य ग्रेस दिया है. यदि मुझे (रोल नंबर-0616135036) दूसरे पत्र में 13 अंक ग्रेस मिलता, तो मैं क्वालीफाइ हो जाता और शिक्षक बन पाता. इस संबंध में मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के सचिव को आवेदन दिया है. सरकार को एक बार हम जैसे अभ्यर्थियों के विषय में विचार करना चाहिए. -मो ऐजाज खां, अभ्यर्थी, शाहजंगी, भागलपुर

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