मेडिकल के छात्र परीक्षा में नहीं हुए शामिल तो होगी परेशानी

– अस्पताल में चार से छह माह बाद आ सकेंगे नये इंटर्न डॉक्टर – अगर दोबारा परीक्षा हुई तो मार्च-अप्रैल का तय हो सकता है समय, सेशन होगा पीछे वरीय संवाददाताभागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के 2010 एमबीबीएस के 54 छात्र अगर 15 दिसंबर की परीक्षा में शामिल नहीं हुए तो छात्रों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2014 9:02 PM

– अस्पताल में चार से छह माह बाद आ सकेंगे नये इंटर्न डॉक्टर – अगर दोबारा परीक्षा हुई तो मार्च-अप्रैल का तय हो सकता है समय, सेशन होगा पीछे वरीय संवाददाताभागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के 2010 एमबीबीएस के 54 छात्र अगर 15 दिसंबर की परीक्षा में शामिल नहीं हुए तो छात्रों के साथ अस्पताल प्रबंधन को भी आनेवाले दिनों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. चिकित्सकों के अनुसार छात्रों के परीक्षा नहीं देने की स्थिति में चार से पांच माह ऐसे ही सेशन पीछे हो जायेगा. चूंकि मार्च-अप्रैल में परीक्षा ही होगी. इसके दो माह बाद रिजल्ट आयेगा. उसके बाद ही अस्पताल में इंटर्न ड्यूटी करने लायक हो सकते हैं. अस्पताल में सबसे अधिक समय तक काम करने वाले इंटर्न ही होते हैं. ऐसे में अगर नये बैच के इंटर्न तैयार नहीं हो सकेंगे तो अस्पताल प्रबंधन को परेशानी हो सकती है. जानकार बताते हैं कि परीक्षा समाप्त होने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ बिहार में छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. इसके बाद ही वे इंटर्न बन सकते हैं और अपने नाम के आगे जूनियर डॉक्टर लगा सकते हैं. जब इंटर्नशिप पूरा हो जायेगा तब परमानेंट रजिस्ट्रेशन काउंसिल में होता है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से एक नंबर मिलता है. इसे डॉक्टर अपने लेटर पैड पर लिखते हैं. दूसरी तरफ मिली जानकारी के अनुसार प्राचार्य डॉ अर्जुन कुमार सिंह अपने निर्णय पर अड़े हुए हैं कि पहले छात्र 15 दिसंबर की परीक्षा में शामिल हों, उसके बाद ही आगे किसी तरह की रियायत छात्रों को दी जा सकती है.

Next Article

Exit mobile version