विक्रमशिला पुल पर युवक की लाश वाली खबर का जोड़

नहीं सुलझी इन सवालों की गुत्थी – अगर युवक आत्महत्या करने ही आता तो वह इस कड़ाके की सर्दी में खाली बदन क्यों रहता? युवक के शरीर पर सिर्फ एक हाफ पैंट मिला है और उसकी गरदन मंे लुंगी का फंदा मिला है. आखिर युवक के बाकी कपड़े कहां गये?- मात्र दो-तीन फीट लंबी लुंगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 10:02 PM

नहीं सुलझी इन सवालों की गुत्थी – अगर युवक आत्महत्या करने ही आता तो वह इस कड़ाके की सर्दी में खाली बदन क्यों रहता? युवक के शरीर पर सिर्फ एक हाफ पैंट मिला है और उसकी गरदन मंे लुंगी का फंदा मिला है. आखिर युवक के बाकी कपड़े कहां गये?- मात्र दो-तीन फीट लंबी लुंगी का फंदा बना कर कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है. इतने छोटे फंदे के एक छोर को गरदन में बांधना और दूसरा छोर पुल के एंगल से बांध कर फांसी लगाना संभव नहीं लगता है. – युवक की लाश पूरी तरह से सड़ चुकी थी. जाहिर है लाश कम से कम चार दिन पुरानी है. चार दिनों तक लाश विक्रमशिला पुल के एंगल से लटकी और किसी की नजर न पड़ना संदेह पैदा करता है. – जब पुलिस को लाश निकालने में तीन घंटे लग गये तो आत्महत्या करने वाले व्यक्ति को कितना समय लगा होगा. अकेले यह काम संभव नहीं है. इसमें कम से कम दो से अधिक लोगों की जरूरत पड़ी होगी, इसलिए यह आत्महत्या प्रतीत नहीं होता है. – क्या एक 70-80 किलो के वजन वाले युवक की लाश का भार लुंगी सह सकता है. वह भी उस परिस्थिति में जब लाश पूरी तरह से हवा में हो और नीचे 40 फीट गहरी नदी हो. जब युवक अपने गले में फंदा लगा कर कूदा होगा तो क्या लुंगी इतनी मजबूत थी कि टूटी नहीं.

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