स्थायी नौकरी की मांग को लेकर धरना

कहलगांव. स्थाई नौकरी की मांग को लेकर एनटीपीसी के आरसी वन एवं आरसी टू के भू-विस्थापितों ने शनिवार को कुशापुर ओवर ब्रिज के नीचे एमजीआर रेल ट्रैक पर धरना दिया. धरना देने वालों में भू-विस्थापितों के परिजन, महिलाएं तथा बच्चे भी शामिल हैं. इस कारण सुबह 10 बजे के बाद से कोई कोयले की रैक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 10:02 PM

कहलगांव. स्थाई नौकरी की मांग को लेकर एनटीपीसी के आरसी वन एवं आरसी टू के भू-विस्थापितों ने शनिवार को कुशापुर ओवर ब्रिज के नीचे एमजीआर रेल ट्रैक पर धरना दिया. धरना देने वालों में भू-विस्थापितों के परिजन, महिलाएं तथा बच्चे भी शामिल हैं. इस कारण सुबह 10 बजे के बाद से कोई कोयले की रैक परियोजना प्लांट में नहीं आयी है. देर शाम तक एनटीपीसी के पदाधिकारी भू-विस्थापितों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में लगी हुई है. समाचार प्रेषण तक कोई निर्णय नहीं हो पाया था. भू-विस्थापितों का धरना अनावश्यकएनटीपीसी प्रबंधन के अनुसार भू-विस्थापितों द्वारा अनावश्यक धरना दिया जा रहा है. महाप्रबंधक टी गोपाल कृष्णा के अनुसार पूर्व से ही सभी भू-विस्थापित स्थाई रूप से कार्य कर रहे हैं. ये एनटीपीसी में सीधे स्थाई नौकरी की मांग कर रहे है वो भी अपने पोते के लिये. बिहार सरकार के नियम के अनुसार जमीन अधिग्रहण में जमीन के नाम वाले व्यक्ति खुद या लड़का, अविवाहित लड़की या विधवा लड़की को ही नौकरी देने का प्रावधान है. पोते-पोतियों को नहीं. वैसे आरसी वन एवं टू में बसने वाले सभी भू-विस्थापितों को एनटीपीसी सारी सुविधा दे रही है. कोयले का भंडार पर्याप्तमहाप्रबंधक टी गोपाल कृष्णा ने बताया कि इस धरने से उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है. परियोजना में अभी सात लाख टन कोयले का बड़ा भंडार है जो 20 से 25 दिनों तक चल सकता है.

Next Article

Exit mobile version