तस्कर के हाथों बिकने से बचे छह बच्चे

मानव तस्कर को दबोच नहीं सकी जीआरपी मालदा के हैं सभी बच्चे, ले जाया जा रहा था पटना बच्चों को भेजा गया बाल गृह भागलपुर : शनिवार को आधा दर्जन बच्चे को मानव तस्कर के हाथों बिकने से बचा लिया गया. इसमें जीआरपी की सफलता तब मानी जाती, जब वे मानव तस्कर को धर-दबोच लेता. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2014 5:34 AM
मानव तस्कर को दबोच नहीं सकी जीआरपी
मालदा के हैं सभी बच्चे, ले जाया जा रहा था पटना
बच्चों को भेजा गया बाल गृह
भागलपुर : शनिवार को आधा दर्जन बच्चे को मानव तस्कर के हाथों बिकने से बचा लिया गया. इसमें जीआरपी की सफलता तब मानी जाती, जब वे मानव तस्कर को धर-दबोच लेता. मानव तस्कर ने जीआरपी के आंखों में धूल झोंक दिया, जिससे वे पकड़ में नहीं आ सके.
सभी बच्चे मालदा के हैं. इसमें अलाउद्दीन, शेख रॉकी, मुबारक, राजीव मोमिन, सुलेमान व मोजीबुर्रमान शामिल हैं.
उक्त बच्चे को जीआरपी ने बाल गृह भेज दिया है. जानकारी के अनुसार मालदा-पटना इंटरसिटी भागलपुर स्टेशन पर आ कर रुकी. गुप्त सूचना के आधार पर जीआरपी पहुंच तो गये, लेकिन सही कोच की जानकारी नहीं रहने के कारण छापामारी से पहले ही मानव तस्कर को भनक लग गयी और वे जीआरपी को चकमा दे गये. जीआरपी ने सभी बच्चे को मालदा पटना इंटरसिटी से उतारे और मानव तस्कर की पहचान के लिए उन्हें एक से दूसरे कोच ले जाया गया, लेकिन उन्हें पकड़ पाने में सफलता नहीं मिली.
जीआरपी प्रभारी श्रीकांत प्रसाद ने बताया कि बच्चे को बाल मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था. मानव तस्कर के हाथों छुड़ाने में जीआरपी को सफलता मिली है. मालूम हो कि इस किऊल-साहेबगंज-मालदा लूप लाइन की ट्रेनों में मानव तस्कर सक्रिय है. मानव तस्कर बाल मजदूरी के लिए बच्चे को फरक्का, सियालदह वाराणसी, मालदा-पटना इंटरसिटी, विक्रमशिला, ब्रrापुत्र मेल से लाने-ले जाने का काम करते हैं और जीआरपी को इसकी भनक तक नहीं लगती है.

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