एसपी-एसडीपीओ पर प्रताड़ना का आरोप, जांच के आदेश

भागलपुर: कदवा (नवगछिया) के तत्कालीन ओपी प्रभारी वासुदेव प्रसाद ने नवगछिया एसपी और एसडीपीओ पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में वासुदेव प्रसाद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगायी है. निवर्तमान थानेदार वासुदेव का आरोप है कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने उन्हें गलत आरोप में निलंबित कर विभागीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2014 6:48 AM

भागलपुर: कदवा (नवगछिया) के तत्कालीन ओपी प्रभारी वासुदेव प्रसाद ने नवगछिया एसपी और एसडीपीओ पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में वासुदेव प्रसाद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगायी है.

निवर्तमान थानेदार वासुदेव का आरोप है कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने उन्हें गलत आरोप में निलंबित कर विभागीय कार्रवाई चलायी, जो अनुचित है. मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय से जांच के निर्देश दिये गये हैं.

क्या है मामला

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पीड़ित दारोगा ने जिक्र किया है कि वे महादलित समुदाय से आते हैं. 30 अप्रैल 2013 को जब वे कदवा ओपी प्रभारी थे, उस समय एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता का गलत दबाव उन्होंने नहीं सुना. इस कारण एसपी व एसडीपीओ ने स्थानीय गणमान्य लोगों के बीच दारोगा को बुला कर बेइज्‍जत किया. जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर सरेआम जलील किया. दारोगा पर झूठा आरोप लगा कर निलंबित कर दिया और विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी. इस र्दुव्‍यहार की शिकायत पीड़ित दारोगा ने डीआइजी, आइजी, डीजीपी, मुख्यमंत्री और जातीय कोषांग से की. अधिकारियों को पत्र लिखे जाने के कारण दारोगा का वेतन भी बंद कर दिया गया. इस कारण दारोगा व उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी. पैसे के अभाव में बच्चों का स्कूल छूट गया. लेकिन मेरे अनुरोध पत्र पर एसपी-एसपीडीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की और अंतत: मनमाना विभागीय कार्रवाई कर दिया. मुङो विभागीय सजा देकर आरक्षण में प्रोन्नति के लाभ से वंचित कर दिया.

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