– 1989 का है मामलासंवाददाता, भागलपुरतृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की अदालत ने बुधवार को सनोखर थाना क्षेत्र निवासी जयहिंद हत्याकांड में अदलपुर(अमडंडा) निवासी सुरेंद्र सिंह को भादवि की धारा 302 में सश्रम कारावास की सजा सुनायी. अदालत ने पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा होगी. अदालत ने भादवि की धारा 364 में दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी. साथ ही तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी. सरकार की ओर से मामले में अपर लोक अभियोजक हरि नंदन प्रसाद सिन्हा हैं. मामले के सूचक चुनचुन प्रसाद सिंह हैं. य्घटना एक जनवरी 1989 की है. जयहिंद सिंह अपने परिवार के साथ घर पर थे. उसी समय सुरेंद्र सिंह जयहिंद सिंह को बुला कर अपने साथ साइकिल से ले जाने लगा. वह अपने साथ जयहिंद की घड़ी और टेप रिकार्ड भी ले गया. दो जनवरी 89 को मदारगंज सती बहियार में जयहिंद की लाश मिली. उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
जयहिंद हत्याकांड में सुरेंद्र सिंह को सश्रम कारावास
– 1989 का है मामलासंवाददाता, भागलपुरतृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की अदालत ने बुधवार को सनोखर थाना क्षेत्र निवासी जयहिंद हत्याकांड में अदलपुर(अमडंडा) निवासी सुरेंद्र सिंह को भादवि की धारा 302 में सश्रम कारावास की सजा सुनायी. अदालत ने पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर […]
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