पर्यवेक्षण गृह में ही हो किशोर अपराधी की सुनवाई
– करीब 17 जिलों मंे कोर्ट में ही जुवेनाइल एक्ट की चल रही सुनवाई – पर्यवेक्षण गृह को लेकर किराये की जगह लेने के दिये निर्देश वरीय संवाददाता, भागलपुरसमाज कल्याण विभाग ने किशोर अपराधी की सुनवाई पर्यवेक्षण गृह में ही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. हाइकोर्ट की कमेटी ने विभाग को इस श्रेणी के […]
– करीब 17 जिलों मंे कोर्ट में ही जुवेनाइल एक्ट की चल रही सुनवाई – पर्यवेक्षण गृह को लेकर किराये की जगह लेने के दिये निर्देश वरीय संवाददाता, भागलपुरसमाज कल्याण विभाग ने किशोर अपराधी की सुनवाई पर्यवेक्षण गृह में ही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. हाइकोर्ट की कमेटी ने विभाग को इस श्रेणी के अपराधियों को सुनवाई के दौरान दोस्ताना माहौल मुहैया कराने को कहा था. फिलहाल 17 जिलों में कोई पर्यवेक्षण गृह नहीं हैं तथा न्यायालय में ही किशोर अपराधी की सुनवाई अलग रूप में की जा रही है. विभाग ने पहले भी सभी जिलों को इस बारे में व्यवस्था करने का निर्देश दिया था, मगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया. अब विभाग ने इस बारे में दोबारा गंभीरता से कार्रवाई करने के लिए कहा है. यह होता है पर्यवेक्षण गृह जुवेनाइल एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर अपराधी के केस की जांच व उस पर सुनवाई पर्यवेक्षण गृह में होती है. इस गृह में ही जुवेनाइल बोर्ड के सदस्य के सामने केस को लेकर जिरह आदि की प्रक्रिया होती है. इस बोर्ड में समिति के सदस्य व न्यायाधीश बैठते हैं तथा वहां पर कोर्ट की तरह आरोपी के खड़े होने के लिए कटघरे आदि नहीं रखे जाते हैं. दूसरी तरफ पर्यवेक्षण गृह में किशोर अपराधी को अध्ययन आदि करने की भी सुविधा प्रदान की जाती है. पर्यवेक्षण गृह बनाने के लिए किराये पर लें जगहसमाज कल्याण विभाग के निदेशक इमामुद्दीन अहमद ने कहा कि बिहार में इस समय 10 ही पर्यवेक्षण गृह हैं. अन्य 17 जिलों मंे पर्यवेक्षण गृह नहीं होने की स्थिति में दो हजार वर्ग फुट की जगह या दस हजार रुपये की कीमत में दो या उससे अधिक कमरे किराया पर लेने का प्रावधान करने का निर्देश दिया है.